मंगलवार, 27 जुलाई 2010

मत्स्य में भी चम्पू की चौधराहट


हाईकोर्ट द्वारा खारिज करने के बाद भी पदोन्नति दी जा रही
यह सरकार की मनमानी है या विभागीय मंत्री चन्द्रशेखर साहू का दंभ यह तो आम लोग ही जाने लेकिन कलेक्टर से लेकर संचालक तक ने जिन्हें अनुभव प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया और हाईकोर्ट ने संविलियन की याचिका खारिज कर दी इन लोगों को न केवल परमानेंट नौकरी दी जा रही है बल्कि उन्हें प्रमोशन देने की तैयारी भी की जा रही है।
मामला मछली पालन विभाग का है। इस विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की कहानी तो अलग ही है लेकिन जिस तरह से उच्च स्तर पर यहां मनमानी चल रही है वह अंयंत्र कहीं देखने को नहीं मिलेगा। आश्चर्य का विषय तो यह है कि यहां चल रहे मनमानी को कृषि मंत्री चन्द्रशेखर साहू का समर्थन प्राप्त बताया जा रहा है। बताया जाता है कि यहां एजेंसी के कर्मचारियों को जिस तरह से संविलियन किया गया वहीं से गड़बड़ी शुरू हुई।
सूत्रों के मुताबिक बी.के. शुक्ला और एम.डी. त्रिपाठी एजेंसी में मत्स्य पालन प्रसार कर्मचारी के रूप में पहले पदस्थ थे। इसके बाद जब एजेंसी बंद हुई तो इन्हें विभाग में संविदा कर्मी के रूप में रख लिया गया। इसके बाद इनका संविलियन का प्रयास हुआ और उच्च स्तर पर लेन-देन कर संविलियन कर दिया गया।
बताया जाता है कि लोकसेवा आयोग के द्वारा चयन के समय जब इन दोनों कर्मचारियों के नाम सामने आये तो कलेक्टर ने अनुभव प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया चूंकि तब एजेंसी का चेयरमेन कलेक्टर होता है इसलिए अनुभव प्रमाण पत्र के अभाव में इनका चयन नहीं होना था। लेकिन सूत्रों के मुताबिक शुक्ला-त्रिपाठी की जोड़ी ने तब तत्कालीन संचालक एस.एन. चटर्जी से सांठ-गांठ कर अनुभव प्रमाण पत्र हासिल कर लिया और इस मामले में बड़ी रकम के लेन-देन की चर्चा है।
चूंकि एजेंसी के कर्मचारी मत्स्य विभाग का कर्मचारी नहीं हो सकता इसलिए संविलियन का मामला हाईकोर्ट चला गया और हाईकोर्ट ने 2242005 के द्वारा शुक्ला त्रिपाठी के संविलियन संबंधी मामला खारिज कर दिया। लेकिन इस मामले को छिपा दिया गया और इन्हें जानबूझकर शासन के कर्मचारियों को मिलने वाला समस्त लाभ दिया गया। इधर इतने लफड़े के बाद भी इन दोनों को पदोन्नति देने की तैयारी की जा रही है। बताया जाता है कि इस मामले में कृषि मंत्री की रूचि से रायपुर ही नहीं राजनांदगांव में भी जबरदस्त चर्चा है।
हमारे राजनांदगांव संवाददाता के मुताबिक एजेंसी के कर्मचारियों की संविलियन और पदोन्नति के मामले को लेकर यहां जबरदस्त चर्चा है और बताया जाता है कि कृषि मंत्री ने इन दोनों कर्मचारियों की शिकायत पर खामोशी ओढ़ ली है। बहरहाल मछली पालन विभाग में चल रहे इस घपले बाजी में मंत्री चन्द्रशेखर साहू का नाम सामने आने से जबरदस्त हड़कम्प है और आने वाले विधानसभा में भी यह मामला रंग ला सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें