अजय श्रीवास्तव हफ्तेभर में ही बहाल
आईएफएस तपेश झा ने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस पर्यटन विभाग को वे सुधारने की कोशिश में लगे हैं वहां मंत्री के प्रभाव से जमें लोगों को हटाना आसान नहीं है तभी तो निलंबन के हफ्ता भर के भीतर ही अजय श्रीवास्तव बहाल कर दिए गए और कई लोगों ने अपना तबादला रुकवा लिया।
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल में जिस तरह से भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है वह अंयंत्र देखने को नहीं मिलेगा। बदनाम व विवादास्पद अधिकारियों की करतूत और भाई-भतीजावाद ने पर्यटन मंडल को दिवालिये के कगार पर खड़ा कर दिया है। एक से बढक़र एक घोटाले ने पर्यटन विभाग के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को भी कटघरे पर खड़ा कर दिया है।
यही वजह है कि जब यहां वन सेवा के अधिकारी तपेश झा को जब पर्यटन मंडल में लाया गया तो उन्होंने आते ही सबसे पहले पीआरओ अजय श्रीवास्तव को निलंबित किया वहीं सालों से जमें एमजी श्रीवास्तव को भी मंत्रालय चलता किया इसके अलावा आधा दर्जन लोगों के तबादले किए गए। अभी यह आदेश जारी ही हुआ था कि पर्यटन मंडल में हड़कम्प मच गया चूंकि अजय श्रीवास्तव को मंत्री का खास माना जाता है और दुग्ध संघ के मामूली कर्मचारी से पहले पुलिस और फिर पर्यटन में पीआरओं के पद पर नियुक्ति मंत्री के प्रभाव से ही माना जाता है इसलिए इस निलंबन आदेश से हड़कम्प मचना स्वाभाविक था। जबकि कई तरह के आरोपों से घिरे एमजी श्रीवास्तव को भी पर्यटन में हो रहे गड़बड़ झाले के लिए जिम्मेदार माना जाता है इसलिए भी यह माना जाने लगा कि पर्यटन मंडल को सुदृढ़ करने की दिशा में तपेश झा ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
बताया जाता है कि यह आदेश को जारी हुए एक हफ्ते भी नहीं बिता कि अजय श्रीवास्तव बहाल कर दिए गए जबकि कई लोगों के तबादले रोक दिए गए। सूत्रों के मुताबिक इस कार्रवाई में मंत्री की रुचि बताई जा रही है। इधर इस संबंध में जब तपेश झा से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए कहा कि यह विभागीय मामला है। बहरहाल इस मामले से यह चर्चा है कि बृजमोहन अग्रवाल की रूचि के चलते पर्यटन मंडल में बदनाम व विवादास्पद लोगों का जमावड़ा है और जिस स्तर पर यहां घोटाले हो रहे हैं उससे पर्यटन मंडल दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें