शुक्रवार, 10 सितंबर 2010

ये तो सरकारी अत्याचार है

हांड़ी पारा में रहता है रविशंकर श्रीवास्तव , १९८४ में उसने कृषि मण्डी में देवेभो के तहत नौकरी शुरू की लेकिन आज तक वह नियमित नहीं हुआ , जबकि उसके साथ के सभी नियमित हो गए, न्यायलय का फैसला भी उसके फेवर में आया .अब वह सत्याग्रह करने मजबूर है

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