शुक्रवार, 10 सितंबर 2010

ऐसी है छग सरकार

शिक्षक दिवस का बहिष्कार
 छत्तीसगढ़ में जिन लोगों पर भावी पीढ़ी के निर्माण की जिम्मेदारी है उन शिक्षकों ने शिक्षक दिवस का बहिष्कार कर दिया। प्रदेश के दमदार माने जाने वाले शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की इस मामले को लेकर न केवल थू-थू होने लगी है बल्कि इस सम्पूर्ण घटना को दुर्भाग्यजनक भी माना जा रहा है।
वैसे तो छत्तीसगढ़ में शिक्षक या गुरुजी को पहले ही सरकारी फरमानों की वजह से अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शिक्षक दिवस पर सम्मान को लेकर शिक्षा मंत्री के वादा खिलाफी से शिक्षक बेहद नाराज है। एक तरफ जब पूरे देश में शिक्षकों के सम्मान को लेकर आयोजन हो रहे थे तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के शिक्षक शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठे थे। यह प्रदेश की विडम्बना ही है कि यहां शिक्षकों को शिक्षा कर्मी तो कहा है जाता है दिहाड़ी मजदूरों की स्थिति पर ला खड़ा किया गया है।
यह मामला कितना तूल पकड़ेगा अभी से कहना मुश्किल है लेकिन सरकारी नीतियों ने इस पवित्र कार्य को जिस तरह से बदनाम किया है वैसे उदाहरण अंयंत्र कहीं देखने को नहीं मिलेगा। इधर भाजपा अध्यक्ष भाजपा शासितत राज्यों में सकल घरेलु उत्पाद के दस फीसदी राशि शिक्षा के विकास में खर्च करने की बात कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उनके मंत्रियों के कारनामों से शिक्षकों को शिक्षक दिवस का बहिष्कार करना पड़ रहा है।

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