रविवार, 7 मार्च 2010

सांसद प्रतिनिधि को लेकर सरोज पाण्डेय विवाद में...



वैसे तो राजनीति इन दिनों पूरी तरह व्यवसाय का रुप ले चुकी है जहां पार्टी के सिध्दांत कुर्सी तक आकर सिमट जाते हैं। ऐसा ही एक मामला दुर्ग की सांसद सरोज पाण्डेय का है जहां एक पूर्व कांग्रेसी को सांसद प्रतिनिधि बनाए जाने को लेकर बवाल मच गया है।
वैसे तो सरोज पाण्डे का विवादों से पुराना नाता है। छिंदवाड़ा चुनाव के समय से चर्चा में रही सरोज पाण्डे ने राजनीति में जिस तेजी से छलांग लगाई है उसे लेकर कई तरह की चर्चा है। ताजा विवाद उनके द्वारा सांसद प्रतिनिधि की नियुक्ति को लेकर है। इस बार उसने जामुल नगर निगम क्षेत्र से सांसद प्रतिनिधि रीतेश सेन को बनाया है। रीतेश सेन वर्तमान में वार्ड नं. 10 से निर्दलीय पार्षद है। बताया जाता है कि दूसरी बार पार्षद बनने वाले रीतेश सेन कांग्रेस से भी पार्षद रहे हैं और इस बार बागी होकर चुनाव लड़ने की वजह से कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से हटा दिया।
बवाल की वजह यही है कि सांसद सरोज पाण्डे ने निष्ठावान भाजपाईयों को छोड़ ऐसे व्यक्ति को सांसद प्रतिनिधि बना दिया जिसकी पृष्ठभूमि कांग्रेस की रही है। इस मामले की उच्चस्तरीय शिकायत भी की जा रही है। हालांकि शिकायत करने वाले खुद मानते हैं कि ऐसी शिकायतों से कुछ होना जाना नहीं है लेकिन निष्ठावान भाजपाईयों में इसे लेकर चर्चा गर्म है और विरोध के लिए मौके तलाशे जा रहे हैं।

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