सोमवार, 10 मई 2010

अधिकारियों की दादागिरी, सरपंचों की लाचारी

वर्मा, बघेल को हटाने सरपंचों ने मोर्चा खोला
रमन सरकार में बेलगाम होते अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के सरपंच बेहद नाराज है। बिलाईगढ़ क्षेत्र के सरपंचों ने तो बकायदा सीओ आर.के. वर्मा और ब्लाक अधिकारी बघेल के खिलाफ तो मोर्चा ही खोल दिया है। सरपंचों का कहना है कि ये दोनों अधिकारी अपने को मंत्रियों व सांसद का रिश्तेदार बताकर आए दिन सरपंचों से गाली गलौज व बदतमीजी करता है। यही नहीं इन दोनों अधिकारियों पर कार्यों के सत्यापन के लिए रुपए मांगे जाने का भी आरोप लगाया गया है।
छत्तीसगढ़ में बेलगाम होते अधिकारियों पर नकेल कसने में पूरी तरह विफल रही रमन सरकार से बिलाईगढ़ ही नहीं कई क्षेत्रों के सरपंचों ने अधिकारियों की शिकायत की है। बताया जाता है कि सरपंचों को भ्रष्ट आचरण की सीख ऐसे ही अधिकारी देते हैं और कार्यों के सत्यापन के नाम पर सरपंचों से न केवल अनाप-शनाप रुपए मांगे जाते हैं बल्कि गाली गलौज तक करते हैं। ऐसा ही एक मामला बिलाईगढ़ क्षेत्र का है जहां के सरपंच सीओ आर.के वर्मा से त्रस्त हैं सरपंचों का कहना है कि अपनी उच्च पहुंच और नेताओं से रिश्तेदारी का धौंस देकर श्री वर्मा आए दिन सरपंचों से गाली गलौच करते हैं। श्री वर्मा को हटाने की मांग बिलाईगढ़ क्षेत्र के लगभग 65 से 70 सरपंचों ने करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा है।
इसी तरह अनुविभागीय अधिकारी बघेल पर पण्ड्रीपानी के सरपंच मजीद खान ने पैसे मांगने का आरोप लगाया है। सरपंचों का कहना है कि मास्टर रोल सचिव के द्वारा भरा जाता है और उस पर गलतियां निकालकर सरपंचों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। ऐसा नहीं है कि सरपंचों के साथ इस तरह का व्यवहार केवल बिलाईगढ़ क्षेत्र में ही किया जा रहा है। बल्कि कवर्धा जिले के सरपंच भी परेशान है। अधिकारियों द्वारा जेल भेजे जाने की धमकी तो आम बात है।
सरपंच संघ के एक नेता ने कहा कि सरपंचों को भ्रष्टाचार के दलदल में यही अधिकारी ही ले जाते हैं। पहली बार सरपंच चुने जाने वाले सीधे साधे ग्रामीणों को पहले पैसा कमाने के तरीके बताये जाते हैं फिर उन्हें जेल भेजने की धमकी देकर उनसे रुपए हड़पे जाते हैं। सरपंचों का कहना है कि अधिकारियों की शिकायतें पर सरकार ध्यान नहीं देती असली चोर तो ये अधिकारी ही हैं और उन्हें बदनाम किया जाता हैं। बिलाईगढ़ सरपंच संघ के अध्यक्ष बैनू सोनवानी ने कहा कि यदि अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे। बहरहाल अधिकारियों और सरपंचों में आए दिन हो रहे टकराव को नजरअंदाज किया गया तो इसके घातक परिणाम आएंगे।

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