सोमवार, 10 मई 2010

नगरीय निकाय मंत्री और पार्षदों में टकराव...

मुंह फट और अनाप-शनाप बोलने में माहिर प्रदेश के नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत का इन दिनों राजधानी के आधा दर्जन पार्षदों से टकराव चल रहा है जिसमें से कई भाजपा के भी है और वे पार्टी के होने के कारण खामोश है। जबकि निर्दलीय पार्षद श्रीमती अंजू तिवारी ने मंत्री के खिलाफ सीधे मोर्चा खोल रखा है और उसे भाजपा के एक विधायक सहित आधा दर्जन से अधिक पार्षदों का समर्थन मिल रहा है।
नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत के व्यवहार को लेकर समय समय पर विवाद होता रहा है कहा जाता है कि विरोधियों के साथ तो उनका रवैये को लेकर सवाल उठाये जाते ही रहे हैं लेकिन पार्टी के भीतर भई आम कार्यकर्ताओं के प्रति उनके व्यवहार की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।
बताया जाता है कि कोटा वार्ड की निर्दलीय पार्षद श्रीमती अंजू तिवारी ने उनके व्यवहार को लेकर नाराज हैं। श्रीमती अंजू तिवारी का कहना है कि मंत्री का व्यवहार सभी के लिए बराबर होना चाहिए लेकिन पिछली बार श्री मूणत ने सभी वार्डों में 20-20 लाख रुपए के कार्य कराए जबकि कोटा में 3-4 लाख के ही कार्य हुए। इसी तरह सूत्रों के मुताबिक निगम में नेता प्रतिपक्ष सुभाष तिवारी, सुनील बांद्रे सहित आधा दर्जन भाजपाई पार्षद भी नाराज हैं। नाराज भाजपाई पार्षदों से जब इस बारे में पूछा गया तो एक पार्षद ने कहा कि जैन मुनि के सानिध्य के बाद उनके सुधर जाने की उम्मीद थी लेकिन उनके व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया हैं हमने तो वहां जाना ही बंद कर दिया। इसी तरह एक पार्षद ने तो साफ कह दिया कि वे तो इस मंत्री का नाम तक सुनना पसंद नहीं करते।
बताया जाता है कि नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत के व्यवहार की शिकायत छत्तीसगढ़ के प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान से भी की गई है। जबकि भाजपा के कई कार्यकर्ताओं का कहना है कि युवा मोर्चा वाला रवैया अब उचित नहीं हैं। नगरीय निकाय मंत्री और पार्षदों में चल रहे टकराव को लेकर यहां कई तरह की चर्चा है और कहा जा रहा है कि एक विधायक ने तो निर्दलीय पार्षद अंजू तिवारी को आश्वस्त किया है कि लड़ाई जारी रखे मदद किया जाएगा। हालांकि निर्दलीय पार्षद ने विधायक का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि वे कोटा से दूसरी बार जीत कर आए हैं और वे अपनी बात मंत्री के समक्ष नहीं रखेंगे तो कैसे चलेगा। बहरहाल नगरीय निकाय मंत्री के प्रति भाजपा कार्यकर्ताओं और पार्षदों में बढ़ते असंतोष की शिकायत प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान से की गई है देखना है कि इस मामले में क्या होता है।

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