उत्कृष्ठ में निकृष्ठ प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ विधानसभा में उत्कृष्ठता अलंकरण समारोह में जो कुछ हुआ वह इस प्रदेश को शर्मसार कर देने वाला है। यह मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सरकारी नुमाईश है या अपमान करने का तरीका यह तो वे ही जाने लेकिन अलंकरण समारोह में मौजूद लोगों की प्रतिक्रिया न केवल तीखी रही बल्कि इसे अपमान समारोह का भी नाम दिया जा रहा है।
1. रसीद टिकिट से पैसा मिला
उत्कृष्ठता अलंकरण समारोह में जिन दो विधायकों व एक पत्रकार को चुना गया उन्हें 21 हजार रूपए नगद दिया गया। कहीं भी पुरस्कार में मिलने वाली राशि के लिए रसीदी टिकिट पर दस्तखत नहीं कराये जाते लेकिन यहां पुरस्कार चाहिए तो रसीदी टिकिट पर दस्ताखत करने होंगे। दबी जुबान पर इसका विरोध हुआ लेकिन पैसा आजकल यादा प्यारा है।
2. राशि में फर्क...
जनसंपर्क द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट में पुरस्कार की राशि 25 हजार रुपए बताई गई लेकिन विधानसभा में हुए इस कार्यक्रम के दौरान पुरस्कृत दोनों विधायकों व पत्रकार को केवल 21 हजार रुपए नगद दिए गए।
सम्मानितों के फोटो नहीं
यह घोर नौकरशाही नहीं तो और क्या है कि इतने बड़े सम्मान समारोह के आयोजन का फोटो को लेकर भी सरकारी अधिकारी गणितबाजी करें यानी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के खास अधिकारियों ने तय कर लिया कि मीडिया को सम्मान पाने वालों का फोटो नहीं भेजना है केवल रायपाल, विधानसभा अध्यक्ष, बृजमोहन अग्रवाल और मुख्यमंत्री वाला ही फोटो भेजना है।
4. इसलिए खबर नहीं छपा
कहते है राजधानी के एक अखबार के संपादक ने अपने चहेते को उत्कृष्ठ पत्रकार का पुरस्कार दिलवाने के लिए लॉबिंग की थी लेकिन उसकी लॉबिंग धरी रह गई इससे वह इतना नाराज हुआ कि अपने अखबार से उसने यह समाचार ही गायब कर दिया।
ये तो हर जगह होता है सर किस किस लडेगे और किस किस को कहेंगे.........भारत का शाश्वत सत्य है ये सब..स्वीकार करना या मुंह मोड़ लेना ही बेहतर है
जवाब देंहटाएंकलम का फर्ज निभाया आपने कौशल भईया, लिखना तो पडेगा ही. कौन कहता है कि आसमां में सूराख नहीं हो सकता ......
जवाब देंहटाएं