भाजपा ने 2003 के चुनाव में जोगी शासन काल के 35 घोटाले को लेकर खूब हल्ला मचाया था, भाजपा ने जोगी शासनकाल के जिन 35 घोटालो का सत्ता में आते ही नेस्तनाबूत करने की बात कही थी लाफार्ज के घोटाले को आठवां स्थान दिया था। 7-8 साल के शासन काल में रमन सिंह ने इन्हें क्यों उजागर नहीं किया इसके पीछे सीधा सा गणित मिल बांट कर लूटो के अलावा कुछ नहीं है। हालत यह है कि 2003 के किए वादे से सरकार पीछे हट रही है और अपने आप को ईमानदार बता रही है। लाफार्ज के घोटाले को उजागर करने की बात तो दूर वह उसे संरक्षण दे रही है। ऐसे में देशी का ढोंग भी इसलिए उजागर होता है क्योंकि लाफार्ज विदेशी कंपनी है जिसका मुख्यालय फ्रांस के पेरिस में है।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उसके मुखिया डॉ रमन सिंह ने जनता से किए वादे को पूरा नहीं कर सीधे-सीधे आम लोगों से धोखाधड़ी की है। लाफार्ज एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है जिसका छत्तीसगढ़ में सोनाडीह और आरसमेटा में सीमेंट संयंत्र है उसने यह संयंत्र टाटा और रेमंट सीमेंट से खरीदा है। इस खरीदी के रजिस्ट्री में ही उसने लगभग 160 करोड़ का घपला किया और इस मामले को लेकर जब भाजपा विपक्ष में थी तो खूब हंगामा मचाया लाफार्ज के इस घोटाले को लेकर जोगी सरकार पर संगीन आरोप भी लगाए गए यहां तक कि भाजपा ने विधानसभा ठप्प करने तक का निर्णय लिया लेकिन सत्ता में आते ही क्या वजह थी कि उसने लाफार्ज के खिलाफ कार्रवाई नहीं की और तो और उसके द्वारा सीमेंट के मूल्य वृद्धि पर भी कोई कार्रवाई नहीं की यहां तक कि लाफार्ज के अवैध उत्खनन और रायल्टी चोरी को भी रमन सरकार ने संरक्षण दिया।
देशी की राजनीति में माहिर भाजपा से यह उम्मीद थी कि वह छत्तीसगढ़ में लूट मचाने वाली इस लाफार्ज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी लेकिन वह तो लूूट खसोट में दो कदम आगे हो गई और कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति में ही संलग्न रही।
लाफार्ज के द्वारा छत्तीसगढ़ को सर्वाधिक नुकसान इसी रमन सरकार के कार्र्यकाल में लगाया गया। कहां तो 2003 के घोषणा पत्र में लाफार्ज के घोटाले को उजागर कर दोषियों को सजा दिलाने का वादा था लेकिन यहां तो उल्टा ही हुआ लाफार्ज ने सेलटेक्स में चोरी के लिए नया रास्ता खोजकर छत्तीसगढ़ से करोड़ो रूपए का चूना लगाया।
बताया जाता है कि लाफार्र्ज द्वारा अरबों का क्लिंकर हर माह दूसरे राज्य में भेजकर अरबों रूपए का नुकसान पहुंचया जा रहा है लेकिन लाफार्ज घोटाले पर कार्रवाई करने का दावा करने वाली रमन सरकार सत्ता में आते ही उल्टे छत्तीसगढ़ को नुकसान के एवज में लाफार्ज के घोटाले पर चुप्पी साध ली।
यदि भाजपा सरकार को लाफार्ज के घोटाले पर कार्रवाई नहीं करनी थी तब उसने विपक्ष में रहते हुए विधानसभा का समय क्यों खराब किया। घोषणा पत्र में लाफार्ज के घोटाले को उजाकर कर दोषियों पर कार्रवाई की बात क्यों की और क्या कार्रवाई के लिए 7-8 साल का समय कम है। ये ऐसे सवाल जिसका जवाब डॉ.रमन सिंह को देना ही होगा।
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