गुरुवार, 27 मार्च 2025

जज कर्णन रिहा हो गये, भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना भारी पड़ा था

 जज कर्णन रिहा हो गये, भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना भारी पड़ा था  

सच कड़वा होता है लेकिन यह वह सच है जो दलितों को उसकी हैसियत बताता है, अम्बेडकर के संविधान के रहते 


 पढ़िए. समझिये. कोई दलित जज बनकर भी आवाज़ नहीं उठा सकता है. और अगर हिमाकत की तो सजा तय है, भले ही आप जज क्यों नहीं हों।



यह व्यक्ति जस्टिस कर्णन है जो कोट पहनकर फिल्मी स्टाइल में घूमता है। चिन्नास्वामी स्वामीनाथन कर्णन। वह न्यायालय की अवमानना के लिए छह महीने की जेल की सजा काटकर बाहर आ रहे हैं। 


कर्णन कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं। वह मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। वहां के पहले दलित न्यायाधीश। वह न्यायाधीश रहते हुए जेल की सजा काटने वाले पहले न्यायाधीश भी हैं। अब उनके बारे में बात करने की वजह भी है। 


2017 में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा था। एक पत्र जिसमें 20 न्यायाधीशों के भ्रष्टाचार की जानकारी थी। यह पत्र एक बड़ा विवाद बन गया। इससे संवैधानिक संकट पैदा हो गया।


 इतिहास में पहली बार किसी मौजूदा न्यायाधीश ने दूसरे न्यायाधीशों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। केंद्र सरकार इस पत्र को जारी करने के लिए तैयार नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति कर्णन के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का मामला दर्ज किया। 


न्यायमूर्ति कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और कुछ अन्य न्यायाधीशों को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला जीत लिया। 


उन्होंने छह महीने की जेल की सजा काटी। उस समय उनका विरोध करने वालों ने कहा था कि वे पागल हैं। लेकिन अब जब एक जज के घर से करोड़ों रुपए का काला धन बरामद हुआ है, तो यह स्पष्ट हो गया है कि कर्णन सही थे।


न्यायपालिका को न्यायालय के अलावा कोई और नहीं सुधार सकता। जस्टिस कर्णन की ओर से यह एक विनम्र प्रयास था। हमारे पास यह उम्मीद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि ऐसे और भी जज होंगे!!

(साभार)

सोमवार, 24 मार्च 2025

सुशांत केस बंद..पर रिया को इंसाफ़ कौन देगा!

 समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई ने दो क्लोज़र रिपोर्ट दाख़िल कर दी हैं. इन रिपोर्टों में अभिनेता की मौत के मामले में किसी साज़िश से इनकार किया गया है.

महीनों तक रिया चक्रवर्ती का मीडिया ट्रायल हुआ और उसे अपराधी घोषित कर दिया गया.



सुशांत केस बंद..पर रिया को इंसाफ़ कौन देगा!

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रिया दोषी थी या नहीं, ये अब कोई नहीं पूछ रहा…

मीडिया का काम पूरा हो चुका है।

उस दिन एक नहीं, दो मौतें हुई थीं।

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पहली— सुशांत की।

दूसरी— रिया की निजता, करियर और चरित्र की।

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1998 में मोनिका लेविंस्की के साथ भी यही हुआ था।

राष्ट्रपति क्लिंटन को बचाने के लिए मीडिया ने मोनिका को शिकार बना दिया।

आज वही खेल रिया के साथ खेला गया।

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"क्या रिया ने ड्रग्स लिए?"

"क्या रिया ने सुशांत को मारा?"

"रिया 'विषकन्या' थी?"

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सवालों का ढोंग था…

फैसला तो पहले ही सुना दिया गया था।

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राजकुमारी डायना मीडिया से बचते-बचते मर गईं।

मोनिका लेविंस्की ने लड़ाई लड़ी, और आज ऑनलाइन उत्पीड़न के खिलाफ खड़ी हैं।

रिया को भी लड़ना होगा…

क्योंकि उसका सामना ऐसे शिकारी से है जो मरने के बाद भी शिकार को बेचता है।

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जब समाज ही जल्लाद बन जाए, तो समझो सभ्यता की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी 

                सीबीआई आज़ जिस निष्कर्ष पर पहुंची है तब मुंबई पुलिस ने भी यही कहा था और इसे आत्महत्या क़रार दिया था. लेकिन मीडिया ट्रायल के दबाव एवं राजनीतिक लाभ के मद्देनजर यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया.

 सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के बाद न्यूज चैनलों के खिलाफ ग़लत खबर चलाने एवं एक महिला के उत्पीड़न मामले में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए. 

https://youtu.be/VVmOxeYQyIE?si=eky00ThRywHw-Cok

शुक्रवार, 14 मार्च 2025

सांसद से रिश्तेदारी भारी पड़ी डॉक्टर को

सांसद से रिश्तेदारी भारी पड़ी डॉक्टर को 


छत्तीसगढ़ बीजेपी में चल रहे उठापटक के बीच अब जो खबर आ रही है वह बेहद ही चौंकाने वाला इसलिए है क्योंकि अब बीजेपी की लड़ाई राजनीति से इतर जाकर शुरू होने की बात कही जा रही है, और अब आयकर विभाग के द्वारा मारे गये छापे को भी बीजेपी के अंदरूनी राजनीति से जोड़ा जा रहा है।

छत्तीसगढ़ की राजनीति में बीजेपी के क़द्दावर माने जाने वाले रायपुर के सांसद के अपमान और उपेच्छा को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच अब यह क़िस्सा भी ज़ोर पकड़ने लगा है कि पिछले दिनों जिस तरह से उनके भाई योगेश अग्रवाल को राईस मिल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था , उसके बाद अब उनके एक और रिश्तेदार भी बीजेपी के निशाने पर आ गये है।

पिछले दिनों देवेंद्र नगर में डॉ सुनील खेमका के हॉस्पिटल में आयकर विभाग की छापेमारी को भी राजनीति से जोड़ा जा रहा है।

ज़मीन से लेकर अस्पताल और इलाज में लापरवाही के लिये चर्चित इस अस्पताल की कहानी कम चर्चित नहीं है और कहा जाता है कि विवादों में रहने के बावजूद बृजमोहन अग्रवाल से रिश्तेदारी की वजह से वे बचते रहे हैं।

लेकिन अब वे बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई के चलते निशाने पर हैं ।पिछले दिनों आयकर विभाग ने छापेमारी कर जिस तरह आरोप लगाये हैं वह चौंकाने वाला है । इस कार्रवाई का नेतृत्व मुख्य आयकर आयुक्त (CCIT) अपर्णा करन और प्रधान आयकर आयुक्त (PCIT) प्रदीप हेडाऊ के निर्देशन में किया गया। संयुक्त आयुक्त बीरेंद्र कुमार और उप आयुक्त राहुल मिश्रा के नेतृत्व में 26 सदस्यीय टीम ने 48 घंटे तक अस्पताल के वित्तीय दस्तावेजों की गहन जांच की।

एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डॉ. सुनील खेमका ने पूछताछ के दौरान कर गड़बड़ी स्वीकार की। आयकर विभाग ने उन्हें तत्काल 11 करोड़ रुपये का अग्रिम कर जमा करने के निर्देश दिए हैं, जबकि शेष राशि पर ब्याज और अतिरिक्त दंड की गणना कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

रविवार, 2 मार्च 2025

प्रेम रावत ने रचा इतिहास, हैरी पॉटर की लेखिका का रिकॉर्ड तोड़ा

प्रेम रावत ने भारत में रचा इतिहास, हैरी पॉटर की लेखिका जे.के. रोलिंग का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1,33,234 प्रतिभागियों के साथ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया।




अंतर्राष्ट्रीय लेखक प्रेम रावत और भारतीय लेखक विपुल रिखी ने एक साथ सबसे बड़े ‘एक से अधिक लेखक पुस्तक वाचन’ का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश में राज विद्या केंद्र द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 1,33,234 लोगों की विशाल समूह को संबोधित किया। यह संख्या जे.के. रोलिंग और कनाडा के दो लेखकों द्वारा वर्ष 2000 में बनाए गए 20,264 लोगों के पिछले रिकॉर्ड से लगभग 1,13,000 अधिक है।

प्रेम रावत, जो न्यूयॉर्क टाइम्स के बेस्टसेलिंग लेखक हैं और ""स्वयं की आवाज (Hear Yourself)" जैसी चर्चित पुस्तक लिख चुके हैं, ने अपनी नई पुस्तक "श्वास : जीवन के प्रति जागरूक हों(Breath: Wake Up to Life)" के अंश पढ़े। यह पुस्तक अंग्रेजी में पैन मैकमिलन (Pan Macmillan) and  और हिंदी में हार्पर कॉलिन्स (HarperCollins) इंडिया द्वारा प्रकाशित की गई है। उन्होंनें अपनी पुस्तक से पढ़ कर सुनाया कि: 

“श्वास आपके अंदर आती है और आप जीवित रहते हैं।  जो शक्ति पूरे ब्रह्मांड में व्याप्त  है, वही श्वास के रूप में आपके अंदर आती है और आपको जीवन देती है। जो अविनाशी है, अनंत है उसको महसूस करें। और जब आप उससे जुड़ जातें हैं, उस पल यह श्वास अनंत हो जाती है। अंदर की ओर मुड़िए, इस श्वास को महसूस कीजिए। यही सबसे अविश्वसनीय चमत्कार है। जिस आनंद को आप खोज रहे हैं, वह बाहर नहीं, बल्कि आपके अंदर मौजूद  है।”  

इस आयोजन में विपुल रिखी ने भी अपनी पुस्तक "Drunk on Love (ड्रंक ऑन लव) कबीर की रचनाओं की काव्यात्मक व्याख्या”, के अंश पढ़े। यह पुस्तक भी हार्पर कॉलिन्स इंडिया द्वारा प्रकाशित की गई है। उन्होंने कबीर के इस दोहे का अनुवाद सुनाया 

‘स्वांस स्वांस में नाम ले विरथा स्वांस मत खोये, ना जाने इस स्वांस का फिर आवन होये ना होये’ हर साँस में उसके नाम को याद करो, एक भी साँस व्यर्थ न जाने दो। कौन जानता है कि अगला पल आएगा या नहीं, अगली साँस मिलेगी या नहीं।

 

यह प्रेम रावत जी का तीसरा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इससे पहले, उन्होंने 2023 में दो रिकॉर्ड बनाए थे – ‘एक लेखक पुस्तक वाचन’ में सबसे बड़ी दर्शक संख्या, जिसमें 1,14,704 लोग शामिल हुए थे, और सबसे बड़े ‘व्याख्यान (लेक्चर)’ में भाग लेने वाली दर्शक संख्या, जिसमें 3,75,603 लोग उपस्थित थे। यह नया रिकॉर्ड उनकी प्रेरणादायक शांति और आशा के संदेश की विश्वविख्यात लोकप्रियता को दर्शाता है, जिससे भारत और दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं।

"इस ऐतिहासिक आयोजन की इतनी बड़ी और शानदार प्रतिक्रिया देखकर हम बेहद उत्साहित हैं।"  राज विद्या केंद्र और अंतरराष्ट्रीय संगठन "वर्ड्स ऑफ पीस ग्लोबल (Words of Peace Global)" के प्रवक्ता लोहित शर्मा ने कहा। "यह कार्यक्रम दर्शाता है कि प्रेम रावत का संदेश लोगों को शांति की ओर प्रेरित करने में कितना प्रभावशाली है, जो आज की दुनिया के लिए बहुत जरूरी है।"