मंगलवार, 16 फ़रवरी 2010

मंत्री भाई के साले को कौड़ी के मोल जमीन,राजधानी की सरकारी जमीनों की बंदर-बांट

इसे राम नाम की लूट कहें या सत्ताधीशों का बंदरबाट। राजधानी की कीमती जमीनों को किस तरह से रमन सरकार धन्नासेठों को कौड़ी के मोल बांट रही है। उससे तो यही लगता है कि जनसेवा की बजाय सरकार व उसके मंत्री छत्तीसगढ़ को लूटने में लग गए है।
ताजा मामला प्रदेश के दमदार मंत्री कहे जाने वाले बृजमोहन अग्रवाल के भाई देवेन्द्र अग्रवाल के साले डा. सुनील खेमका को सरकारी जमीन कौड़ी के मोल आबंटन करने का है। डा. सुनील खेमका को जो जमीन दी गई है वह कृषि उपज मंडी की जमीन है जिसकी कीमत तीन हजार वर्गफुट से कम नहीं है लेकिन यह जमीन सरकार ने डा. सुनील खेमका को कौड़ी के मोल दे दी।
सरकारी जमीनों का बंदरबांट हालांकि नया नहीं है। लेकिन राजनीति में सिध्दांतों की वकालत करने वाली भाजपा सरकार में जिस तरह से घोटाले-भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रही है वह चौंकाने वाली है। निर्माण कार्यों में जेबे गरम करने वाले मंत्रियों की निगाह अब शहरों की बेशकीमती जमीनों पर लगी है और बड़ी बेशर्मी से कीमती सरकारी जमीनों को अपने रिश्तेदारों को कौड़ी के मोल पर बेचने लगी है। भले ही सरकार इसे लीज का नाम दे दे लेकिन क्या बड़े लोगों की लीज रद्द होती है?
बताया जाता है कि डा. सुनील खेमका को अस्पताल बनाने यह जमीन दी गई है जबकि उनके पास पैसे की कमी नहीं है और वे चाहें तो राजधानी के किसी भी हिस्से की जमीन खरीद कर अस्पताल बना सकते हैं ऐसे लोगों को सरकारी कीमती जमीन देने के औचित्य पर सवाल नहीं उठाये जाएंगे तो क्या होगा।
सूत्रों के मुताबिक सरकारी कीमती जमीनों को लीज पर देने के एवज में सरकारी कर्मचारी से लेकर मंत्रियों तक को मोटा कमीशन दिया जा रहा है। इस तरह से सरकार खुले आम भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रही है या यूं कहें कि सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है तो अति शंयोक्ति नहीं होगी।
इधर इस मामले की कांग्रेस को जानकारी होने के बाद भी उनकी चुप्पी आश्चर्यजनक है और ऐसा लगता है कि सरकार के इस लूट खसोट में कांग्रेस भी शामिल है।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के अध्यक्ष ताराचंद साहू ने घोर आपत्ति करते हुए इसका हर स्तर पर विरोध करने की बात कही है वहीं छत्तीसगढ़ समाज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल दुबे ने कहा कि कृषि उपज मंडी की जमीन किसानों की संपत्ति है और इस मामले का वे खुलकर विरोध करते हैं।
जबकि छत्तीसगढ़ विकास पार्टी के अध्यक्ष पी.आर. खुंटे ने इस मामले की शिकायत ईओडब्ल्यू में करने के साथ न्यायालय जाने तक की बात कही।
वहीं जय छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रवक्ता महेश देवांगन व किसान नेता द्वारिका साहू ने कहा कि यह तो छत्तीसगढ़ को लूटने की साजिश है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कृषि उपज मंडी की जमीनों को धन्ना सेठों को देने की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप कर आबंटन रद्द करने की भी मांग की है।
बहरहाल इस मामले में पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के नाम आने से भाजपा की अंदरूनी राजनीति गर्म है और कहा जा रहा है कि इससे बृजमोहन विरोधी भाजपाई सक्रिय हो गए है।

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