रायपुर जिले में खनिज से लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगा रहे खनिज अधिकारियों ने मंजीत, शर्मा, कुलदीप जैसे लोगों के चल रहे अवैध क्रेशरों के खिलाफ कार्रवाई की बजाय उनसे अवैध वसूली कर अपनी जेबें गरम कर रहे हैं जबकि अवैध कार्यों में लिप्त लोग यह दावा करते नहीं थकते कि उनके द्वारा स्क्वाड तक को पैसा दिया जाता है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के विभाग की यह कहानी नई नहीं है। कहानी का नयापन यह है कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से किए जाने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। खनिज विभाग में चल रहे लूट-खसोट को लेकर रोज नई कहानी सामने आने लगी है। सालों से राजधानी में पदस्थ अफसरों के वरदहस्त ने अवैध उत्खनन और अवैध परिवहन करने वालों को इतना ताकतवार बना दिया है कि कई कर्मचारी तो कार्रवाई करने तक से डरते हैं।
हमारे भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि जिले में दर्जनभर से अधिक क्रेशर अवैध ढंग से संचालित है और इन अवैध क्रेशरों के एवज में अधिकारियों को बड़ी रकम भी मिलती है। हालत यह है कि अवैध क्रेशर के संचालन से हर साल सरकार को लाखों-करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है इसके बाद भी इन अवैध क्रेशरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होना आश्चर्यजनक है।
बताया जाता है कि खनिज विभाग में बैठे कई अधिकारियों के संरक्षण में हो रहे अवैध उत्खनन और अवैध परिवहन से होने वाली अवैध कमाई इतनी यादा है कि ऊपर तक एक बड़ी रकम पहुंचाई जाती है इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही है। बहरहाल खनिज विभाग के लूट खसोट की शिकायत मुख्यमंत्री से किए जाने के बाद कार्रवाई नहीं होते देख कई लोग आश्चर्यचकित हैं।
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