सोमवार, 17 जनवरी 2011

क्यों चुप हैं लोग ?

क्यों  चुप  हैं  लोग ? क्या  सरकारें  मनमर्जी चलने के लिए होती हैं ? मंहगाई चरम पर है, किसानो की जमीने उद्योगपतियों को बेचीं जा रही है , छत्तीसगढ़ में तो जमीन - जंगल-पानी और बांध तक बेचीं जा रही है , विरोध करने वालों पर लाठियां बरसी जा रही है और कांग्रेस बेशर्मी से तमाशा इसलिए देख रही है ताकि राजनैतिक फायदा उठाया जा सके .
क्या आम लोगों को अपने भविष्य की चिंता नहीं है ? या वे अब भी दो वक्त की रोटी के लिए ही स्वार्थी बन कर रह गए है , क्या फिर महात्मा गाँधी की तरह किसी को निकलने की जरुरत है ताकि सरकारों की मनमानी रोकी जा सके ?

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