.इधर जब सरकार उद्योग लगाने उद्योगपतियों को पुचकार रही है तब दूसरी तरफ औद्योगिक दादागिरी को नजर अंदाज किया जा रहा है । वंदना हो या जिन्दल, एस के एस हो या लक्ष्मी सीमेंट इनकी दादागिरी पर भाजपाई नाराज है लेकिन सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है । वन्दना समूह के इशारे पर तो 25 साल से रह रहे 8 परिवार के घर उजाड़ देने से भाजपा नेता और विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष बनवारी लाल अग्रवाल के तक निंदा कर दी लेकिन रमन सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है ।
रमन सरकार के उद्योग प्रेम की वजह से इन दिनों छत्तीसगढ़ में जगह-जगह लोगों की नाराजगी खुलकर सामने आने लगी हैं बावजूद सरकार को आम लोगों से Óयादा उद्योग लगाने की चिंता है । और इस उद्योग प्रेम की वजह से आम लोगों पर हो रहे औद्योगिक अत्याचार पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है । उल्टा उन्हें पुरस्कार तक दे दिया जाता है ।
वंदना समूह द्वारा कोटवा जिले में स्थापित किये जा रहे पावर प्लांट की करतूत थमने का नाम ही नहीं ले रहा है । जमीनों पर कब्जे, तालाबों पर कब्जे के बाद अब गरीबों के आशियाना ढहाने को लेकर वंदना समूह एक बार फिर सुर्खियों में है ।
जानकारी के अनुसार ग्राम सलोरा व छुरीखुर्द की जमीन पर वंदना विद्युत लिमिटेड प्रबंधन द्वारा संयंत्र का निर्माण कराया गया है । इस संयंत्र के लिए राखड़ बांध का निर्माण ग्राम झोरा में कराया जा रहा है । संयंत्र से राखड़ बांध तक पाईप लाइन बिछाने का कार्य प्रबंधन करा रहा है, जिसके लिए भूमि का अधिग्रहण वह कर चुका है । यह पाईप लाइन गंगापुर से होकर गुजरनी है । पाईप लाइन के रास्ते में गंगापुर निवासी 7 कृषकों व एक महिला के आवास आ रहे थे । इन आवासों को वंदना प्रबंधन ने शुक्रवार की सुबह एकाएक गांव में पहुंचकर कटघोरा तहसीलदार आर के मार्बल की उपस्थिति में लगभग ढाई सौ पुलिस जवानों के साये में गिरवा दिया ।
बताया गया कि शासकीय भूमि पर लगभग &0 वर्षो से काबिज एवं मकान बनाकर खेती-बाड़ी करते हुए हरिराम रिर्मलकर, भोजराम निर्मलकर, लखनलाल, छतराम, यशवंत यादव, मुखीराम, छत्रपाल यादव व रसियानों बाई सपरिवार निवासरत थे । मुखीराम द्वारा किराना दुकान का संचालन भी किया जा रहा था जबकि भोजराम ने बाड़ी लगाया था । इन परिवारों का आशियाना वंदना प्रबंधन के इशारे पर उजाडऩे की कार्रवाई करने के साथ ही सरकारी जमीन पर संचालित होटल को भी तहस-नहस कर दिया गया । वहीं किराना व्यवसायी मुखीराम यादव ने महिला पटवारी पर आरोप लगाया है कि उसने कार्रवाई के दौरान गल्ले से 5 सौ रूपये निकाल लिए और वापस नहीं किया ।
सूत्रों के मुताबिक वंदना विद्युत लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा उपरोक्त ग्रामीणों के पास पिछले दिनों पहुंचकर मकान खाली करने कहा गया था । ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार से शिकायत कर मदद की गुहार लगाई थी । तहसीलदार ने पूरी तरह सहयोग का आश्वासन किसानों को दिया ।
इसके कुछ दिन बाद वंदना प्रबंधन के अधिकारी दोबारा ग्रामीणों के पास गए तब ग्रामीणों ने उनसे बसाहट की सुविधा मांगी । & दिन पहले तहसीलदार ने ग्रामीणों को कार्यालय बुलाकर समझाईश दी थी, जिस पर ग्रामीण जमीन छोडऩे तैयार हो गए थे । इस सहमति के बाद जिस तरह का रवैया वंदना प्रबंधन ने अपनाया उसे क्षेत्रवासी अनुचित और गुण्डागर्दी पूर्ण कार्रवाई बता रहे हैं ।
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