सोमवार, 26 अप्रैल 2021

पत्रकार साथी तिवारी और हसन का निधन

 रायपुर – जनसंपर्क विभाग के सहायक संचालक डॉ छेदीलाल तिवारी हमारे बीच नहीं रहे, उनका बीती रात रायपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। डॉ तिवारी कोरोना से हारने वालों में से नहीं थे, उनकी मौत का जिम्मेदार सुयश हॉस्पिटल की अव्यवस्था है। करीबी सूत्रों के मुताबिक उनके सिर में चोट लगी है और खून निकल रहा था, जबकि वे एक हफ्ते से अधिक समय से आईसीयू में थे। उनकी इस तरह मौत यह सवाल खड़े करती है कि कोरोना के इलाज के नाम पर आखिर हो क्या रहा है।

डॉ तिवारी एक सरल मिलनसार व्यवहार कुशल सहित जीवट व्यक्ति थे, अनेक चुनौतियों और संघर्षों के सामना करते हुए आगे बढ़े थे। उन्होंने अविभाजित मध्य प्रदेश के जनसम्पर्क विभाग में ऑटो चालक के रूप में नौकरी की शुरुआत की। उस ऑटो से वे डाक बांटा करते थे। लेकिन उन्होंने यह नौकरी करते हुए अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखी। राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री ली। तबतक विभाग ने उन्हें वाहन चालक बना दिया। इसके बाद छेदीलाल तिवारी ने पीएचडी की। उनके पीएचडी का विषय था ‘मध्य प्रदेश शासन में जनसम्पर्क की भूमिका’। पीएचडी करने के बाद साहब का ड्राइवर , डॉक्टर हो गया। इसकी चर्चा खूब हुई, इंडिया टुडे जैसी प्रतिष्ठित पत्रिका ने इसे खबर बनाया। यह खबर तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मिली। इसके कुछ समय बाद दिग्विजय सरकार की कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर डॉ छेदीलाल तिवारी को सूचना सहायक बना दिया। और फिर धीरे धीरे डॉ तिवारी अपनी काबिलियत के बल पर आगे बढ़ते रहे।

डॉ तिवारी का पूरा जीवन प्रेरणा देने वाला है। डॉक्टर तिवारी की असामयिक मृत्यु से छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के जनसंपर्क विभाग में शोक की लहर व्याप्त है वही एक और दिल दहला देने वाले समाचार आया की रायपुर के वरिष्ट पत्रकार जियाउल हसन का कल रात रायपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया वे लंबे समय से दैनिक समाचार पत्र वरिष्ठ पत्रकार अग्रदूत सहित अन्य संस्थाओं में अपनी सेवाएं दी हमेशा जिंदादिल एवं मिलनसार व्यक्तित्व के धनी भाई जियाउल हसन के मृत्यु समाचार से प्रेस जगत को गहरा आघात लगा है वरिष्ठ पत्रकार जियाउल हसन को रायपुर प्रेस क्लब एवं छत्तीसगढ़ एडिटर्स एंड पब्लिशर्स एसोसिएशन द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई है



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