बुधवार, 17 मार्च 2010

शाबाश अशोक ...दुसरे भी प्रेणना लें


क्या आपने कभी यह सोचा है कि रेलवे स्टेशन में बीमार या विकलांग यात्री किस तरह से ट्रेन से उतरकर टेक्सी स्टेंड या टेक्सी स्टेंड से उतरकर ट्रेन तक तक का सफ़र करते है ? स्टेशन में भीढ़ से आम आदमी तक ठीक से प्लेटफार्म में नहीं चढ़ पाता तब ऐसे यात्रियों व उनके परिजनों कि तकलीफों का अंदाजा लगाने मात्र से मन रो देता है

लेकिन इस तकलीफ को रायपुर के अशोक अग्रवाल और उसके साथियों ने समझा है और इस तकलीफ से निपटने उनकी संस्था marawarhi युवा मंच ने बैटरी चलित ऐसी गाडी चलवा रहे है जिससे ऐसे यात्रियों को निःशुल्क सेवा दी जाएगी अशोक और उसकी टीम का यह प्रयास न केवल सराहनीय है बल्कि समाज सेवा से जुढ़े लोगो के लिए प्रेरणा दायक भी है

वैसे अशोक ने इस शहर में जनसेवा का कई कार्य किया है उसकी पूरी टीम ने हर सेवा के कम में ईमानदारी बरती है उन्हें बधाई ....

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें