शनिवार, 27 मार्च 2010

अल्ट्राटेक सीमेंट कारखाने से ग्रामीण त्रस्त, सरकार मस्त

हिरमी स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट में जब से पावर प्लांट का निर्माण हुआ है तब से क्षेत्र की ग्रामीणों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां धुल-धुआं और ध्वनी प्रदूषण का दुष्प्रभाव ग्रामीण, बच्चों और पेड़-पौधों पर दिखने लगा है। पावर प्लांट का आवाज आए दिन इतना बढ़ जाता है कि लोगों को रातो की नींद हराम हो गई है। हिरमी के उपसरपंच कोंदाराम भारती सहित कई ग्रामीणों ने तथा ललित कुमार वर्मा ग्राम पंचायत बरडीह (सरपंच) बताया कि अचानक रात में तेज आवाज आने से बच्चे रात में जाकर रोने लगते हैं। इस सबसे यादा प्रभाव मात्र 30 मीटर दूरी पर स्थित शासकीय हाईस्कूल हिरमी पर पड़ रहा है जिससे बच्चों की पढ़ाई में सबसे यादा व्यवधान उत्पन्न हो गया है। साथ में बहरेपन की शिकायत आने लगी है। स्कूली छात्र थानेश्वर गायकवाड़ दादूराम ध्र्ुव, रामेश्वर बघेल ने बताया कि इसकी आवाज से सभी छात्र परेशान है तथा कक्षाहाल में छात्रों को शिक्षक की आवाज को शुध्द रुप से व ठीक से सुन पाना मुश्किल हो गया है। इससे निकलने वाला धुआं का प्रभाव पेड़-पौधों, कपड़ों, छत पर भी देखा जा सकता है। जिसके दुष्प्रभाव से खांसी, दमा, टीवी, चर्मरोग आदि की शिकायत भी बढ़ने लगी है। यहां पर्यावरण के नाम पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता।
निर्माण के नाम पर हजारों पेड़ काटे गए हैं और नए पेड़ लगाने में उनका कोई ध्यान नहीं है। साथ ही प्लांट में आने वाले भारी भरकम ट्रकों के प्रदूषण से सुबह स्वास्थ्य व्यायाम के लिए घुमने जाने में मुश्किल है। इन ट्रकों के धूल के साथ आने जाने वाले लोगों को जान का खतरा बना रहता है। विशेषकर स्कूल आने जाने वाले बच्चों के पालकों को हमेशा दुर्घटना की आशंका से ग्रसित रहते हैं।
सबसे यादा प्रदूषण सकलोर, कुचरौद, हिरमी के ट्रक यार्ड स्थित चौक में देखा जा सकता है। यहां धूल की भारी परत के कारण आना जाना दूर्भर है। एक ओर शासन पर्यावरण नियंत्रण के बड़े बड़े दावे करती है। दूसरी तरफ उनकी खुलेआम धाियां उड़ाई जा रही है। कुछ समय पूर्व ग्रामीणों ने बकायदा हस्ताक्षर अभियान चलाकर इसकी शिकायत माननीय मुख्यमंत्री एवं पर्यावरण मंत्री, मानव संसाधन मंत्रालय दिल्ली में दी गई है। इस पर जांच की जानकारी बकायदा कलेक्टर से प्राप्त हुई है मगर अभी तक आगे की कार्यवाही न होना शासन की कमजोर नीतियों को दर्शाता है। अत: समस्त ग्रामीणों ने इसके उपर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।

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