दो दिन से मै सो नहीं सका , लोग क्यों नहीं निकल रहें है विरोध करने ,क्या राजनीती सिर्फ पैसे कमाने का जरिया बन गया है, गाँधी के इस देश में ये क्या हो रहा है,कंहा है समाज सेवी लोग , मै ठेका ले रहा हूँ , जब तक इन लोगो का वेतन बंद नहीं होगा या जब तक ऐसे लोगो को जो वेतन न ले संसद में नहीं पहुचेंगे चैन से नहीं बैठूँगा ,
आइये मेरा साथ दीजिये ,मैंने राष्टपति को भी पत्र लिखा है ,
तिवारी साहिब. जरूर लेना चाहिए.... पर पगार बढवाने का ये तरीका गलत है........... व्यंग पदिये मेरी पोस्ट में "में तो झंडोबाम हुवा..............
जवाब देंहटाएंआपकी चिंता जायज है, पर आप और हम विरोध के अलावा और कर भी क्या सकते हैं, खाने-पीने के दामों में दिनों-दिन बढोत्तरी हो रही है, 200% वेतन में वृद्धि हो चुकी है फिर भी इन सांसदों को चैन नहीं है
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