ट्रंप का खेल और ठग गिरोह…
देश में वोट चोरी को लेकर मोदी सत्ता जितना परेशान है उससे ज़्यादा परेशानी तो आयोग को sir पर होने लगी है, पूर्व उपराष्ट्रपति धनगड का ग़ायब होने से लेकर ट्रंप की चालबाज़ी के बीच इस देश के ठग गिरोह की चर्चा भी तो कम नहीं है, सवाल अदानी अंबानी से आगे निकलने लगा है और पेट्रोल में दस बीस फ़ीसदी एथनॉल तक जा पहुँचा तो सबसे ज़्यादा एथनॉल बनाने वाली गडकरी की कंपनी कैसे गुमनामी से काम कर सकती है
आज बात की शुरुआत ठग गिरोह से करें उससे पहले बता देते हैं कि sir को को लेकर जो बहस न्यायलय में चल रही थी को लेकर दिनभर मीडिया सिर्फ यह चलता रहा सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन जारी रखने की बात कही!
आधार कार्ड पर जो बहस अभिषेक मनु सिंघवी ने की और जिस तरह इस तर्क का खंडन किया उस प्रतिवाद की कोई ध्वनि मिडिया में नहीं थी!
कपिल सिब्बल ने तो पहले ही साफ कर दिया था इंटेंसिव रिवीजन के विरोध में नहीं है हमारा मुख्य एजेंडा इस प्रक्रिया को कानून के आधार पर और अधिक से अधिक लोगों को वोट का अधिकार दिया जाए इससे संबंधित है!
हम चाहते हैं चुनाव आयोग जिस तरह से विषय वस्तु छुपाने की कोशिश कर रहा है उसकी जगह उसे पारदर्शी तरीका अपनाना चाहिए जिस प्रक्रिया सरल सुगम और सुलभ हो!
*उत्तर प्रदेश के 5000 लोगों का नाम बिहार में एक विधानसभा क्षेत्र में*
आज सोशल मीडिया पर एक स्वायत्त संस्था कलेक्टिव रिफॉर्म्स की की रिपोर्ट भी बेहद चर्चा में रही जिसमें उन्होंने एक स्ट्रिंग ऑपरेशन कर कर यह बताने की कोशिश की है की बिहार की एक विधानसभा क्षेत्र वाल्मीकि विधानसभा क्षेत्र में 5000 उत्तर प्रदेश के वोटर बिहार में वोट देने के लिए शामिल किए गए हैं जिनके दो-दो एपिक नंबर हैं और वह उत्तर प्रदेश के भी वोटर हैं!
इसे लेकर भी पूरे बिहार में सनसनी है!
आज याचिका करता ओ के वकीलों की बहससुनी गई कल चुनाव आयोग का पक्ष सुना जाएगा!
तब ट्रंप के पल पल बदलते बयान के बीच पाकिस्तान का मदद करने वाले दुनिया के सबसे अविस्वशनीय चीन के साथ मोदी सत्ता का प्रेम क्या देश को नई मुसीबत की तरफ़ खिच रहा है…
ऐसे में राहुल गांधी आखि़र क्यों कहते हैं कि AA ( अंबानी, अदानी) के कारण नरेंद्र मोदी अमेरिका के प्रेसिडेंट ट्रंप के सामने डरे ,सहमें एवं झुके रहते हैं...?
दरअसल इसके पीछे एक राज है,
याद कीजिए ट्रंप ने कहा है कि भारत अपना तेल रूस से सस्ते दाम में खरीदकर उसे अन्तर राष्ट्रीय बाजार में बेचकर बड़ा मुनाफा कमा रहा है,
अब इसे समझना जरूरी है, यदि भारत सरकार इस तेल को रूस से सस्ते दाम में खरीदती तो भारत की जनता को लाभ मिलता,
पर ऐसा नहीं हो रहा है।
क्योंकि ये तेल रूस से अंबानी की कंपनी रिलायंस खरीदती है और फिर उसे 30% जैसे भारी भरकम मुनाफा लेकर अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में बेचती है।
अब इस कहानी में दूसरा ट्विस्ट है,
वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका का न्याय विभाग अदानी समूह की प्रमुख इकाई अदानी एंटरप्राइज़ेज़ को माल भेजने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कई एलपीजी टैंकरों की गतिविधियों की जांच कर रहा है ।
अमेरिका में डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस अदानी के ऊपर रिश्वत एवं भ्रष्टाचार के लगे अन्य आरोपों की भी जांच कर रहा है। साथ ही हिंडनवर्ग का भी एक केस है।
एक तरफ अमेरिका ईरान और रूस से तेल आयात पर प्रतिबन्ध लगाया हुआ है, किन्तु अंबानी की रिलायंस कंपनी का ईरान और रूस से तेल आयात अदानी के गुजरात स्थित मुंद्रा पोर्ट से ही किया जा रहा है।
इसलिए रूस के कारण भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बाद गौतम अदानी अपनी कंपनी अडानी पोर्ट्स के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन की जिम्मेदारी से इस्तीफा दे दिया है. अब वे सिर्फ नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर कंपनी से जुड़े रहेंगे, यानी कंपनी की रोजमर्रा की रणनीति या ऑपरेशन में उनका दखल नहीं रहेगा।
यह उनका सेफ्टी मेजर है ताकि अमेरिकी सरकार द्वारा किसी कार्यवाही, प्रतिबन्ध, सजा या जेल भेजने की स्थिति में बिजनेस प्रभावित ना हो। कुछ बचने बचाने की गुंजाइश हो।
बिटवीन द लाइंस, खबरों को मानें तो अंबानी के रिलायंस कंपनी द्वारा रूस से आयात तेल मुनाफे में कुछ प्रतिशत रंगा बिल्ला की भागीदारी है।
इस प्रकार अदानी पर अमेरिका में जांच , एवं इन ठग गिरोहों को ट्रंप अच्छी तरह जान चुका है, जिससे मोदी चुप एवं डरे सहमें रहते हैं।(साभार)
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