बुधवार, 5 मई 2010

बहु को नहीं पकड़ पा रही पुलिस!

घोटालेबाजों का जमाना
महाधिवक्ता है सुराना - 7
छत्तीसगढ़ में पुलिस विभाग किस तरह से सरकार के आगे नतमस्तक है इसका उदाहरण श्रीमती चेतना सुराना के केस से समझा जा सकता है। कोर्ट में पेश करने के आदेश के बाद भी स्थानीय पुलिस को श्रीमती सुराना नहीं मिल पा रही है या वे दबाव में कार्रवाई नहीं कर रही है यह तो पुलिस महकमा ही जाने लेकिन इस मामले की चर्चा जोरों पर है कि शासन से सांठगांठ कर अपराधी आसानी से बच जाते हैं।
मंदिर की जमीन से लेकर आदिवासियों की जमीन हड़पने के आरोप में फंसे सुराना परिवार के ऊपर कई तरह के आरोप है उनके पार्टनर रह चुके कई लोगों ने तो सत्ता के दुरूपयोग का कई आरोप लगाया है। ऐसा ही मामला सुराना परिवार की बहु श्रीमती चेतना सुराना पर भी लगाया जा रहा है। बताया जाता है कि श्रीमती चेतना सुराना पति आनंद सुराना ने डीपी गांधी व अन्य के खिलाफ थाना गोल बाजार में आपराधिक प्रकरण 420, 467, 468, 471 एवं 34 भादवि के तहत मामला दर्ज करवाया था। प्रभावशाली होने के कारण गोलबाजार पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन जांच में यह मामला झूठा पाया गया और न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया।इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के पुलिस निदेशक की शिकायत जांच रिपोर्ट में कहा गया कि श्रीमती चेतना सुराना और उनके मुख्तयार पति आनंद सुराना को आभास था कि वे झूठी शिकायत कर रहे हैं फिर भी उसने प्रशासन को गुमराह करते हुए थाना स्तर पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर प्रकरण दर्ज कराया। इसके बाद थाना प्रभारी गोल बाजार ने श्रीमती चेतना सुराना के विरुध्द इस्तगासा 12009 अंतर्गत धारा 182, 211 के तहत दंडित कराने माननीय न्यायालय में पेश किया जहां वह उपस्थित नहीं हुई और पुलिस भी उसे पेश नहीं करा सकी। बहरहाल सुराना परिवार पर लग रहे आरोपों की कई तरह की चर्चा है और लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि इतने आरोपों के बाद भी कोई महाधिवक्ता कैसे बन सकता है?

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