गुरुवार, 12 अप्रैल 2012

दूसरों को गाली देने से खुद के पाप नहीं धूलतेइन दिनों पूरे देश में राजनीति के मायने बदल गए हैं। किसी फिल्म में कादर खान ने राजनीति ने मायने बताए थे कि रा से राक्षस की तरह जनता को निकलने वाला यह तिकड़मबाज डायलॉक वर्तमान राजनीति में कितना फिट बैठता है यह तो जनता तय करेंगी। लेनिक जिसकी राजनीति इन दिनों चल रही है। वह घोर निराशाजनक है। चोरी और सिना जोरी की पराकाष्ठा पार कर रही है और आम आदमी इस स्थिति से हैरान है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिन गडकरी के करीब राज्यसभा सदस्य अजय संचेती की कंपनी को कोल ब्लाक आबंटित करने के मामले में कुछ इसी तरह की राजनीति चल रही है।  कल तक सीएजी की रिपोर्ट को मुख्य हथियार बना कर केंद्र में कांग्रेस को घेरने वाली भारतीय जनता पार्टी आज छत्तीसगढ़ में सीएजी की रिपोर्ट को बेशर्मी पूर्वक नाकार रही है। सिर्फ नाकारा ही नहीं जा रहा है बल्कि कांग्रेस के करतूतो पर प्रहार कर अपनी करतूतों को छोटा बनाने का खेल खेला जा रहा है।
हम यह कतिये नहीं कह रहे है कि कांग्रेस के करतूतों पर पर्दा डाला जाए हमे तो सिर्फ यह कहना है कि दूसरे के पाप गिनाने से स्वयं के पाप न कम होते है और न ही धूल जाते है। कांग्रेस की करनी की वजह से ही छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा को जिताया है। यह बात भाजपा को नहीं भूलनी चाहिए कि जनता सब देख रही है। कि किस तरह से छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार बढ़ा है। सरकार के अमूमन हर विभाग में अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार के किस्से रोज सुनाई पड़ रहे है आज जरूरत है इस स्थिति में सुुधार करने की लेकिन  उल्टा कांग्रेस को गरियाया जा रहा है। कांग्रेस की खामियां गिना कर सत्ता में आने के लिए भाजपा को चाल चेहरा और चरित्र को सुधारना होगा। सत्ता में आने से पहले दिये गये इस नारे का छत्तीसगढ़ में क्या हुआ है। किसी से छिपा नहीं है। चाल तो बिकाड़ा ही अब चेहरों पर भी कालिख पूतने लगी है जब चाल और चेहरे ठीक  न हो तो चरित्र पर उंगली उठाना स्वाभाविक है। भाजपा को समझना होगा कि राजनीति में सुचिता सिर्फ बोलने से नहीं होती है। जिसके लिए त्याग भी करने होते है और एक बार फिर एक बार यह बात दोहरा दूं कि दूसरे के पाप गिनाने से खुद के पाप कम नहीं होते।

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