शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

बेटियां हत्यारिन... जिम्मेदार कौन?

 

छत्तीसगढ़ में शराब की बह रही नदियों के लिए जिम्मेदार कौन? शराब ने गांवों की शांति छिन ली है और शराब की वजह से हो रहे अपराध न केवल शर्मसार कर देने वाला है बल्कि सत्ता के लिए चुनौती भी है। अभी लोग महासमुंद में पांच बेटियों सहित सामूहिक आत्महत्या की घटना लोग भूले भी नहीं थे कि अंबागढ़ चौकी के भगवान टोला गांव में फिर एक हृदय विदरक घटना हुई। यह घटना की वजह भी शराब है। शराबी पिता की हरकतों से परेशान नाबालिग बेटियों का गुस्सा इतना बढ़ गया था कि वे तब तक अपने पिता पर टंगिया से वार करते रहे जब तक उनकी मृत्यु नहीं हो गई। मृतक सहदेव नेताम को शराब की लत थी और उसे अवैध शराब कोचियों से आसानी से शराब मिल जाता था, शाम होते ही नशे में धुत्त होकर वह घर पहुंचता और लड़ाई-झंझट करता था, घटना के दिन तो उसने टंगिया से अपनी पत्नी को ही मारना चाहा जिसे देख दोनों नाबालिग बेटियों ने टंगिया छिन कर पिता की हत्या कर दी।

छत्तीसगढ़ में इस तरह की घटनाएं अब रोज की कहानी है और शराबबंदी करने के वादे के साथ सत्ता में आई भूपेश सरकार को यह सब दिखाई सुनाई नहीं पड़ रहा है। गांव-गांव में अवैध शराब की बिक्री जिस तरह से बढ़ी है वह हैरान कर देने वाली है। यदि लोगों की बातों पर भरोसा करें तो अवैध शराब बिक्री के खेल में कई जगह के थाने तक शामिल है और अवैध शराब बिक्री की शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती। कई जगह तो अवैध शराब बेचने वालों के द्वारा थाना खरीद लेने तक की चर्चा है लेकिन सत्ता को यह सब न दिखाई दे रहा है और न ही सुनाई ही दे रहा है।

छत्तीसगढ़ में शराब बंदी की मांग तब शुरु हुई थी जब पिछली सरकार में गांव-गांव में शराब भट्टी खोले जाने लगा था। शाम होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का गुजरना दूभर होने लगा था। प्रदेश के तत्कालीन गृहमंत्री कंवर को शराब माफियों द्वारा थाने खरीद लेने की बात कहनी पड़ी थी। तब कांग्रेस ने शराब को लेकर लोगों में व्याप्त नाराजगी को चुनावी मुद्दी बनाया और सत्ता भी हासिल की। लेकिन ढाई साल बीत जाने के बाद भी सत्ता इस तरफ से मुंह फेर कर बैठी हुई है। हालत बदतर होने लगे हैं, यही नहीं छत्तीसगढ़ के सरकारी दुकानों में बिक रही शराब की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं। 

ऐसे में जिन बच्चियों ने अपने पिता को मारकर अपराधी बन गई है उसके लिए जिम्मेदार कौन है, क्या इसके लिए सत्ता जिम्मेदार नहीं है? सवाल कई है लेकिन शराब से कई परिवार बर्बाद होने लगे है और सत्ता चुप।

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