नीट मामले में सुप्रीम फैसले का यह सच जानकर होश उड़ जायेंगे...
पता नहीं यह बात किसने कही है कि आपकी सड़क जब तक खामोश रहेगी संसद और उसके तंत्र अवारा होकर आपकों खुल्ला सांड की तरह अपनी सींगों से बिंधते रहेगें।
यह कड़वा सच भयावह भी है और डराने वाला भी। NEET पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या इस हकीकत को बयां करने वाला नहीं है?
आख़िर क्या वजह थी कि सुप्रीम कोर्ट भी इस नीट पेपर लीक की परीक्षा रद्द नहीं कर सका। क्या यह इस फैसले ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के माथे पर लगने वाले कालिख से बचाने वाला साबित नहीं हुआ।
25000 सीट और हर एक सीट के लिए औसतन २० लाख रुपये भी माने जाये तो यह खेल 50000000000 का मामला है।
सारे तथ्य चीख चीख कर कह रहे थे कि पेपर लीक हुआ है और इस घपले को दबाने के लिए परीक्षा परिणाम की घोषणा तब की गई जब समूचा देश लोकसभा चुनाव के परिणाम में व्यस्त था। क्या परिक्षा परिणाप का समय भी सुप्रीम कोर्ट ने अनदेखा किया।
कितने ही तथ्य है जो कह रहे थे कि परीक्षा परिणाम रद्द कर फिर से परीक्षा आयोजित किया जाना चाहिए। NTA, शिक्षा' माफिया के साथ पूरा सरकारी तंत्र की संलिप्तता स्पष्ट दिखाई देने के बावजूद यह फैसला क्या न्याय है।
तथ्य जो सामने है…
*67 छात्र- 720 में 720 अंक, इनमें से 8 छात्र एक ही सेंटर के.इससे पहले एक बार में 4 छात्र ही यह कीर्तिमान कर पाये थे.
*5 मई को NEET 2024 की परीक्षा हुई थी जिसका परिणाम 14 जून को आना था. लेकिन यह परिणाम 10 दिन पहले 4 जून को ही निकाल दिये गये, जिस दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे आ रहे थे. चुनाव परिणाम की आड़ में क्या छुपाना था?
*परीक्षा कराने वाली सरकारी एजेंसी NTA संदेह के घेरे में है. इम्तिहान से ठीक 24 दिन पहले 9 और 10 अप्रैल को एप्लीकेशन विंडो को फिर खोला गया था. बाद में Form correction के नाम एक बार फिर से window खोला गया. ऐसा क्यों किया गया, 24246 बच्चों ने तब फॉर्म भरा, उनमें से कितने कौन से सेंटर के थे, उनमें से कितनों का सेलेक्शन हुआ? इनमें से किनके कितने मार्क्स थे?
*रांची से पटना पुलिस को इनपुट गया- एक डस्टर गाड़ी की तलाशी ली गई- 4 May को पटना में NEET पेपरलीक की खबर, प्रश्नपत्र की बरामदगी, एक परिक्षार्थी की रात में प्रश्नपत्र मिलने की स्विकारोक्ती और बिहार के 3 जिले से solver gang के 19 आरोपियों की गिरफ्तारी. अन्य राज्यों में भी अभ्यर्थियों के बदले परीक्षा देने वालों की गिरफ्तारी हुई.
*सवाई माधोपुर, राजस्थान में भी एक परिक्षार्थी ने स्विकारोक्ती दी कि उसे 4 की रात हूबहू प्रश्नपत्र हासिल हो गया था.
*बिहार, उड़ीसा, झारखंड, राजस्थान, कर्नाटक आदि से कई छात्रों का सेंटर 1000-1500 किलोमीटर दूर गुजरात के गोधरा में. ये कमाल कैसे?
*गोधरा में ही, 5 मई से पहले NEET परीक्षार्थियों की 10-10 लाख में गैरकानूनी मदद कर रहे एक एजुकेशनल कंसलटेंसी के मालिक पुरुषोत्तम राय, एक स्कूल शिक्षक एवं सुपरवाइजर तुषार भट्ट और भाजपा का एक नेता आरिफ बोहरा सहित 5 लोगों को पुलिस और कलेक्टर ने detain किया. DM ने कहा है कि solver gang के साथ करोड़ों के ट्राजेक्शन के सबूत हैं. गुजरात में ही एक छात्र cbse में फेल (physiscs theory paper में 1 नं), पर NEET में 715, कमाल पर कमाल!!
*हरियाणा के झज्जर परिक्षा केंद्र पर बिना सरनेम के 8 छात्रों का केंद्र और सभी टॉपर. यह भी कमाल कैसे? और कुल मिलाकर 67 टॉपर - 720 /720, 718, 719. असंभव!!!!
*67 टॉपर में से 44 को Physics का एक सवाल गलत होने के कारण ग्रेस मार्क्स दिया गया जबकि 2018 के बाद छपी किताब के अनुसार वह सवाल सही है.
*पटना पुलिस द्वारा आपराधिक विवेचना हेतु मांगे जाने के बाद भी NTA द्वारा प्रश्न पत्र का मिलान नहीं किया गया, जबकि 10 मिनट में मिलान करके बता सकता था कि यह प्रश्न पत्र NEET में पुछा गया प्रश्न पत्र है या नहीं. हांलाकि पटना पुलिस ने forensic जांच द्वारा साबित कर दिया कि यह ओरिजिनल प्रश्नपत्र है. बिहार पुलिस ने NTA से 3 बार ओरिजिनल प्रश्नपत्र की मांग, लेकिन NTA ने सहयोग नहीं किया. क्यों?
*NTA ने बताया कि झज्जर में 6 टॉपर को प्रश्नपत्र देरी से मिलने के कारण ग्रेस मार्क्स दिया गया. जबकि स्कूल के प्रिंसिपल ने टीवी चैनल पर कहा कि कोई देरी नहीं हुई थी. यहाँ बंटे MNOP सीरीज के शीट पुरे देश में कहीं नहीं बंटे. घोटाला यहाँ पकड़ें. पूरा NTA संलिप्त है.
*महाराष्ट्र सहित और भी कई सेंटर पर प्रश्नपत्र 20 - 60 मीनट देरी से मिलने की खबर आई थी.
*सवाल है कि देरी से प्रश्न पत्र मिलने के कारण ग्रेस मार्क्स देने का कोई कानून न होने के बावजूद आखिर किस फार्मूले के तहत NTA ने ग्रेस मार्क्स दिए? और अब कोर्ट में अपनी गलती मान ली. तो आखिर इस तरह का भ्रष्टाचार करने वाले NTA को अपराध की सजा कौन देगा और कब तक मिल जाएगी?
2015 में पेपर लीक के कारण CBSE से छीनकर NTA को exam conduct करने का अधिकार दिया गया था. अब क्या?
सवाल तो इतने सारे हैं कि बिना यह जांच किए ही…
1.1 महीने बाद 9-10 अप्रैल को window क्यों खोला
गया,
2.पटना प्रश्नपत्र लीक की FIR की जांच पूरी किए बिना,
झज्जर और गोधरा कांड की FIR की जांच किएबिना,
3.मार्क्स के अनुसार रैंक में हेराफेरी की जांच किये बिना,
फटे OMR शीट की जांच किये बिना, OMR शीट के
अनुसार कम मार्क्स आने की जांच किये बिना, खाली
OMR शीट भरे जाने की जाच किये बिना,
4. असाधारण और अप्राकृतिक रूप से अबतक के
highest cut off marks आने की जांच किये
बिना,
5. बारबार application window खोलने वाले,
लगातार अपना बयान बदलने वाले और गैरकानूनी
तरीके से ग्रेस मार्क्स देने वाले NTA की जांच किये
बिना
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कैसे 1567 ग्रेस मार्क्स पाए बच्चों में से 50 टॉपर सहित 1536 बच्चों के re-exam का आदेश दिया?
*शिक्षा मंत्री ने NTA को क्यों क्लीन चिट दे दी बिना जांच के?भ्रष्टाचार करने वाले को ही जांच का जिम्मा कैसे दे दिया गया? चोर को ही चौकीदार बना दिया. इतनी हडबडी किसको है और क्यों है?
*पहले भी शिक्षा के Don ने, नटवरलालों ने, माफियाओं ने entrance exam में कई बार घपले किए हैं, मध्यप्रदेश के व्यापम का रहस्य नहीं खुला अब तक और आज नटवरलाल और शिक्षा माफियाओं ने, कई कोचिंग संस्थान ने सरकारी तंत्र के साथ मिलकर एक जाल बुनकर अरबों का व्यपार खड़ा कर लिया है.
*इस वर्ष, NEET 2024 के लिए कुल 24,06,079 अभ्यर्थी पंजीकृत हुए, जिनमें से 23,33,297 उम्मीदवार परीक्षा में उपस्थित हुए। NEET 2024 परीक्षा में कुल 1,316,268 अभ्यर्थी सफल रहे हैं। भारत में वर्तमान में 695 चिकित्सा कॉलेज हैं, जिनमें कुल 1,06,333 सीटें चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए प्राप्त हैं। इनमें से लगभग 55,648 सीटें सरकारी कॉलेजों में हैं, और 50,685 सीटें निजी MBBS कॉलेजों में हैं।
सोचिये, 12 लाख अधिक रिजल्ट क्यों? ....प्राईवेट कालेज में एडमिशन के लिए अधिक से अधिक पैसे लेकर अभिभावकों की अंधी दौड़.
*गोधरा, गुजरात NEET घोटाले का सबसे बड़ा सेंटर है. सुप्रीम साहेब, आप सिर्फ गोधरा की जांच कर लेते, आपको देशव्यापी नेटवर्क का पता चल जाता. जी हां, व्यापम पूरे देश में व्याप्त हो गया है.
गोधरा में खाली पेपर जमा' करवाए गए, बाद में खाली पेपर भरे गए और स्टूडेंट टॉप कर गया!! मीडिया बता रहा है..
*क्यों कोर्ट NEET की काउंसलिंग बंद कर "कोर्ट मॉनिटरड जांच" नहीं करना चाहती थी? कोर्ट को जांच से क्या दिक़्क़त हो सकती थी?
पिछले 10 सालों में सैकड़ों एग्जाम्स रद्द, सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में. द टाइम्स आफ इंडिया अखबार ने इन्वेस्टिगेट कर 41 एग्जाम्स में पेपर लिक की पोल खोली है. जी हाँ, पिछले 50 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाले देश में!
अब तो संपूर्ण देश के करोड़ों छात्रों युवाओं के जीवन का प्रश्न है.
इस तथ्य के बाद भी सुप्रीम फैसले का क्या मतलब है, किसके साथ न्याय हुआ?
अब तो उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे की तर्ज पर इस मुद्दे को उठाने वालों से ही माफी मांगने कहा जा रहा है।
बेशर्मी के इस दौर में एक बार फिर राफेल घोटाले की याद ताजा कर ही।
सुपरिम कोर्ट भी मिला हे। बच्चे के आवेदन शुल्क से कितनी आय होती है गणना कर लेवे। जहाँ पर. BJP सरकारे है वही पर यह घोटाला है। शिवराज ने प्रदेश का नाश कर दिया है और पनौती ने देश का। अब तो जय श्री राम करते रहो। चड्डी बनियान भी उतार लेगा। नौकरी तो भूल जाओ। अपने-अपने बच्चों को IAS और IPS बनाकर बबैठा रहेहै ताकि वे सत्ता पाने में सहयोग कर सके। बहुत बडा षड्यंत्र है.....
जवाब देंहटाएंसुपरिम कोर्ट भी मिला हे। बच्चे के आवेदन शुल्क से कितनी आय होती है गणना कर लेवे। जहाँ पर. BJP सरकारे है वही पर यह घोटाला है। शिवराज ने प्रदेश का नाश कर दिया है और पनौती ने देश का। अब तो जय श्री राम करते रहो। चड्डी बनियान भी उतार लेगा। नौकरी तो भूल जाओ। अपने-अपने बच्चों को IAS और IPS बनाकर बबैठा रहेहै ताकि वे सत्ता पाने में सहयोग कर सके। बहुत बडा षड्यंत्र है.....
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