कहाँ गये वे सीना ताने...
चट्टानों का सीना
चीर रही थी नदियाँ
बढ़ रही थी नदियां
अहंकार का चट्टान
खड़ा था सीना ताने ।
देश ने तब भी देखा
सम्मान सड़क पर
यातना उफान पर
कुर्सी का मोह
हंसा था सीना ताने ।
दुस्सासन का बढ़ता हाथ
समूची सत्ता का था साथ
अंध-भक्तों की जमात
और खुशामद मीडिया
नाच रहा था सीना ताने
स्तब्ध हवा थी
मौन गगन था
धरती भी बे-हलचल थी
सबके थे अपने अपने
स्वार्थ खड़ा था सीना ताने
पर यह कब तक चलता
अहंकार रावण का टूटा
दुशासन का जंघा भी टूटा
समम लिखेगा फिर इतिहास
कौन अड़ा था सीना ताने
माना कि रात घनी काली थी
लंबी और दुरुह वाली थी
लेकिन उम्मीदों का सूरज
जैसे ही सामने आया
कहां गये वे सीना ताने...।
(साक्षी, बजरंग और विनेश सहित अन्याय के खिलाफ खड़ा होने वालों को समर्पित)
पेरिस ओलिंपिक में विनेश ने उस जापानी रेसलर को हराया जो चौदह वर्षों से अविजित थी। समय भी गजब खेल रचता है। यादों पर धूल जमती उसके पहले विनेश और अन्य महिला पहलवानो के साथ क्या गुजरा था गूगल पर तैरने लगा। अवसरवादी मोदी ने उन्हें अपनी बेटी कहा था लेकिन जब वे कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष द्वारा महिला पहलवानो की यौन उत्पीड़न की शिकायत कर रही थी तब दिल्ली पुलिस ने इन्ही मोदी की बेटी को सड़कों पर घसीट दिया था।
वह दिन है और आज का दिन है , मोदी ने फिर कभी विनेश की चिंता नहीं पाली। वजह बस इतनी सी थी कि कही ब्रजभूषण भाजपा को चार पांच सीटों का नुक्सान न कर देवे।
अब शर्त इस बात पर लग रही है कि जब विनेश सेमीफइनल जीत कर फाइनल खेलेगी तब क्या मोदी आदतन उन्हें फोन लगाएंगे ? कुछ लोगों का कहना है कि वे निश्चित तौर पर फोन करेंगे , क्रेडिटजीवी जो ठहरे !!
विनेश ने आज न सिर्फ मोदी को पेशोंपेश में डाल दिया है वरन भारतीय गोदी मीडिया को भी आईना दिखा दिया है। दो कोड़ी के एंकर एंकरनियों अब किस मुंह से विनेश पर प्राइम टाइम शो करेंगे , देखना दिलचस्प होगा।
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