जादू भरी आँखों वाले गाने का हीरो चला गया
मुकुल देव एक ऐसा नाम जिसने अपनी प्रतिभा के दम पर न केवल फ़िल्मो का सफ़र शुरू किया, बल्कि टेलीविजन की दुनिया में भी डंका बजाया।
चला गया, जादू भरी आंखों वाले गाने का ये हीरो...
सन 94 में सुष्मिता सेन मिस यूनीवर्स बनीं, दो साल बाद महेश भट्ट उन्हें फ़िल्मों में काम करने के लिए मना लाए। फ़िल्म थी, दस्तक और उसके लिए जावेद अख़्तर का लिखा वो गाना बहुत फेमस हुआ कि, जादू भरी आंखों वाली सुनो तुम ऐसे मुझे देखा न करो...!
टू इन वन में लूप पर बजता था ये गाना। उदित नारायण की आवाज़ ऐसी कम ही हीरोज पर फबी है। नया लड़का था, मुकुल देव। सब एक दूसरे से पूछते कि यार, इसे पहले तो कहीं देखा नहीं। तो कोई बताता अरे ये वही वाला है धारावाहिक 'मुमकिन' वाला। बड़े भैया का नाम पता चला फिर कि ये तो राहुल देव का छोटा भाई है।
मुकुल देव कल दुनिया छोड़ गए। हिंदी सिनेमा में उनको लेकर कभी कोई कंट्रोवर्सी नहीं सुनाई दी। फ़ुर्सतगंज जाकर उन्होंने हवाई जहाज उड़ाने का लाइसेंस भी लिया था। पिता पुलिस में बड़े अफ़सर रहे तो शुरू से क्रिएटिव चीजें करने की छूट रही।
बताते हैं कि आठ साल के थे मुकुल जब उनके हाथ में पहली कमाई दूरदर्शन की तरफ से आई थी। किसी कार्यक्रम में माइकल जैक्सन बनकर नाचे थे वो। वैसे बताते ये भी चलें कि अरशद वारसी और चंद्रचूड़ सिंह को लॉन्च करने वाली अमिताभ बच्चन की कंपनी एबीसीएल ने मुकुल देव को भी एक फ़िल्म के लिए साइन कर लिया था। 'नाम क्या है' नामक ये फ़िल्म बनी होती तो मुकुल की पहली फ़िल्म होती।
भाई मुकुल 54 साल कोई उमर नहीं जाती, यूं ज़िंदगी से रूठ जाने की लेकिन ये एक ऐसी बात भी है जो रिवर्स नहीं हो सकती। जहां रहना खुशहाल रहना, कोशिश करते रहना कि यादों में आकर किसी को ज़्यादा सताना मत और हां, वहां ऊपर कोई जादुई आंखों वाली मिले तो बिंदास अपना गाना जऱूर गाना, जादू भरी आंखों वाली सुनो, तुम ऐसे मुझे देखा न करो...!
बहुत याद आओगे, मुकुल...
.साभार पंकज शुक्ला
मुकुल देव कौशल (17 सितंबर 1970 - 23 मई 2025) [ 3 ]एक भारतीय टेलीविजन और फिल्म अभिनेता थे। उन्हें हिंदी फिल्मों , पंजाबी फिल्मों , टीवी सीरीज और संगीत एल्बमों में उनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता था । वह कई बंगाली , मलयालम , कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों में दिखाई दिए । [ 4 ]उन्होंने यमला पगला दीवाना में अपनी भूमिका के लिए अभिनय में उत्कृष्टता के लिए 7वां अमरीश पुरी पुरस्कार जीता । [ 5 ] 23 मई 2025 को संक्षिप्त बीमारी के बाद 54 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
टेलीविजन
मुकुल देव ने 1996 में विजय पांडे की भूमिका निभाकर धारावाहिक मुमकिन के माध्यम से टीवी पर अपने अभिनय की शुरुआत की। [ 13 ] उन्होंने दूरदर्शन के एक से बढ़कर एक , कॉमेडी बॉलीवुड काउंटडाउन शो में भी अभिनय किया।
वह फियर फैक्टर इंडिया सीज़न 1 के होस्ट भी थे। [ 14 ] उन्होंने 2000 के दशक में कहीं दिया जले कहीं जिया (2001), कहानी घर घर की (2003), प्यार जिंदगी है (2003) जैसे कई टेलीविजन धारावाहिकों में अभिनय किया । उन्होंने 2008 में एक नृत्य प्रतियोगिता शो कभी कभी प्यार कभी कभी यार में भाग लिया।
फिल्में
उन्हें अमिताभ बच्चन की कंपनी एबीसीएल ने देखा और नाम क्या है नामक फिल्म में भूमिका दी, लेकिन यह फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई । [ 11 ] उन्होंने 1996 में दस्तक के साथ एसीपी रोहित मल्होत्रा के रूप में अपनी फ़िल्मी शुरुआत की, उसी फ़िल्म में मिस यूनिवर्स 1994 सुष्मिता सेन भी नज़र आईं। वह किला (1998), वजूद (1998), कोहराम (1999) और मुझे मेरी बीवी से बचाओ(2001) जैसी कई फ़िल्मों में नज़र आए । हाल के वर्षों में उन्होंने यमला पगला दीवाना (2011), सन ऑफ़ सरदार (2012), आर...राजकुमार (2013) और जय हो (2014) फ़िल्मों में सहायक भूमिकाएँ निभाईं।
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