रविवार, 25 मई 2025

तब और अब- तेजप्रताप यादव के बहाने…

 तब और अब- तेजप्रताप यादव के बहाने…


तेजप्रताप  यादव को लेकर बिहार की राजनीति में तूफ़ान खड़ा इसलिए हो गया क्योंकि बिहार विधान सभा का चुनाव नज़दीक है , लालू यादव ने अपने इस बड़े बेटे को पार्टी से निष्कासित भी कर दिया , तब अनानास गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के बेटे की  याद आ गई,,,

गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर के पुत्र थे रथीन्द्रनाथ टैगोर। आज़ादी के बाद जब गुरुदेव द्वारा स्थापित विश्वभारती को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया तो रथीन्द्रनाथ टैगोर को उसका वाइस चांसलर बनाया गया। विश्वविद्यालय के चांसलर थे देश के प्रधानमंत्रीजवाहरलाल नेहरू। 

कहते है प्रेम उम्र नहीं देखता और न ही समाज की परवाह ही करता है , और शायद यही वजह है कि 65 साल की उम्र में रथींद्रनाथ विश्वभारती में अंग्रेजी के प्रोफ़ेसर निर्मल चंद्र चट्टोपाध्याय की पत्नी मीरा के प्रेम में पड़ गए। जब यह ख़बर फैली तो पहले रथींद्रनाथ टैगोर को वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाकर विश्वभारती से हटाने की कोशिश की गई। लेकिन आरोप साबित नहीं हुए। लेकिन असली समस्या तो मीरा के साथ उनके प्रेम संबंधों की थी। बाद में जवाहरलाल नेहरू विश्वभारती गए और उन्होंने रथीन्द्रनाथ को समझाया कि गुरुदेव की विरासत की बदनामी हो रही है आप पद छोड़ दें। 22 अगस्त 1953 को उन्होंने त्यागपत्र दिया और मीरा के साथ रहने के लिए देहरादून चले गए। रथीन्द्रनाथ टैगोर की कृतियों कोउनकी तमाम सार्वजनिक उपलब्धियों को सार्वजनिक पटल से पूरी तरह हटा दिया गया। क्योंक्योंकि उन्होंने प्रेम किया था। बाद में 2019 में लोगों को यह एहसास हुआ कि रथीन्द्रनाथ टैगोर के योगदान को महज इसलिए नहीं भुलाया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने प्रेम किया था। अनिमेष मुखर्जी की किताब ‘ठाकुरबाड़ी’ में यह प्रसंग बहुत विस्तार से आया है। 

आज तेजप्रताप यादव द्वारा अपने प्रेम के स्वीकार और लालू प्रसाद यादव द्वारा उनको घर से निकाल दिए जाने के बाद यह कहानी याद आ ही आई। 

हाँलेकिन रथीन्द्रनाथ टैगोर की बात अलग थी। उन्होंने विश्वभारती छोड़ कर जाने से पहले मीरा के पति से अनुमति ली थी और अपनी पत्नी प्रतिमा देवी को भी बता दिया था। खैर टैगोर परिवार के इतिहास में उनको ओझल ही रखा गया।प्रभात रंजन के प्रति आभार 

ऐसे में तेजप्रताप यादव को लेकर मचे बवाल का क्या होगा कहना मुश्किल है क्योंकि कई मायने में समाज बेहद क्रूर होता है…

बिहार में बवाल 

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को पार्टी ने निकाल दिया है. तेज प्रताप उनके बड़े बेटे हैं. शनिवार को तेज प्रताप अपने निजी जिंदगी से जुड़े खुलासे को लेकर चर्चाओं में थे. उनके फेसबुक पोस्ट पर अनुष्का यादव (Anushka Yadav) नामक लड़की के साथ तस्वीर सामने आई थी. इस पोस्ट में यह लिखा गया था कि तेज प्रताप यादव और अनुष्का 12 साल से एक दूसरे को जान रहे हैं. दोनों ने रिलेशनशिप में रहने की बात कही थी. हालांकि बाद में तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया था. अब आज लालू प्रसाद यादव ने बड़ा फैसला लेते हुए तेज प्रताप यादव को पार्टी से निकाल दिया है. 

लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट लिखते हुए तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निकालने की घोषणा की. लालू प्रसाद यादव ने लिखा- निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है.

ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है. अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूँ. अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी. उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है

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