ईरान का डर, ज़िद और गर्व…
इज़राइल और अमेरिका के हमले के बाद ईरान ने दोगुनी ताक़त से इज़राइल पर हमला किया, क्या अमेरिका के युद्ध में कूदने से तीसरे विश्व युद्ध की घंटी बज़ गई है , क्या है ईरान का परमाणु ठिकाना…
ईरान के क़ुम शहर के करीब, एक ऐसा किला सांस ले रहा है जो दुनिया की नींद उड़ाए हुए है — इसका नाम है Fordow Fuel Enrichment Plant। यह कोई आम परमाणु ठिकाना नहीं, बल्कि ईरानी सत्ता का गर्व, डर और जिद तीनों है। सतह से करीब 300 फीट नीचे, सख़्त चट्टानों में सुरंगों के भीतर इस किले को इस तरह बनाया गया है कि कोई बम इसे छू भी न सके। पर जो चीज़ इसे अजेय नहीं बनाती, वो है इज़राइल और अमेरिका का बारीक इंटेलिजेंस जाल — जो Fordow के बाहर नहीं, इसके अंदर तक हर आवाज़ सुनता है
पत्थर की दीवारें, धातु के रोटर और अंदरूनी डर
Fordow में ईरान वो काम करता है जिससे पश्चिमी दुनिया को सबसे बड़ा खतरा लगता है — high-grade यूरेनियम enrichment। इसका मतलब होता है कि परमाणु बम बनाने की बुनियाद यहीं से तैयार होती है। Iran ने Saddam और Gaddafi से सबक लिया — ओपन field में enrichment रखोगे तो अमेरिका बम गिरा देगा। इसलिए Fordow को पहाड़ के नीचे छिपा दिया गया।
लेकिन दुनिया के सबसे बेहतरीन जासूसों ने ये भी सबक सीख रखा था कि चट्टान से नहीं, इंसान से इन्फॉर्मेशन निकाली जाती है। और वहीं से शुरू होता है Mossad और CIA का अदृश्य खेल।
Mossad की इंसानी जंजीर
इज़राइल की सबसे घातक एजेंसी Mossad ने Fordow के चारों ओर एक ऐसा इंसानी घेरा बनाया है जिसमें कोई scientist, कोई engineer, कोई driver या कोई सुरक्षा गार्ड भी शामिल हो सकता है।
कई बार पैसों से, कई बार ब्लैकमेल से, और कई बार परिवार की सुरक्षा के नाम पर ये लोग अपने ही प्लांट की खबर बाहर भेजते हैं — कब कौन सा rotor बदलना है, कौन सी सुरंग में नया ventilation shaft खोदा जा रहा है।
इसी नेटवर्क ने Fordow के जैसे ही Natanz enrichment plant में centrifuge sabotage कराया था — कभी magnetic bomb से scientist उड़े, कभी remote sniper ने कार रोक कर गोली चलाई।
Unit 8200 और NSA की आंखें
इज़राइल की Unit 8200 और अमेरिका की NSA — ये दोनों agencies Fordow के बाहर की हर communication line, radio chatter, और tunnel sensor को real time में पढ़ती हैं।
Fordow से Tehran तक रोज़ाना जो encrypted report जाती है, वो cipher टूटते ही Tel Aviv और Langley की टेबल पर आ जाती है।
अमेरिकी KH-11 और KH-12 satellite Fordow की छत पर रखे ट्रकों की गिनती भी बदलते देख लेते हैं।
आजकल hyperspectral और AI-based imagery से thermal anomaly से पता चलता है कि पत्थर के नीचे कौन सी सुरंग active है और कौन सी dummy।
Cyber के कीड़े : Stuxnet और उसके वारिस
एक बार Mossad और NSA ने मिलकर दुनिया का सबसे चालाक cyber worm बनाया था — Stuxnet।
इसने Fordow की बहन site Natanz में centrifuge के rotors को खुद-ब-खुद overspeed करवा कर फाड़ दिया था।
आज के दौर में ईरान ने air-gapped systems बनाकर direct hacking रोक दी है, लेकिन phishing emails, fake research links और USB traps से इज़राइल-अमेरिका अब भी firmware poisoning करते हैं।
Smart Dust और Mini Drones : हवा में घुले जासूस
नए दौर में जासूसी सिर्फ उपग्रह या कंप्यूटर तक नहीं है। Mossad छोटे छोटे drones, और smart dust sensors Fordow के ventilation shaft में छोड़ सकता है। ये sensors vibration, gas leaks, और unusual heat record कर AI dashboard पर भेजते रहते हैं।
जैसे ही कोई suspicious drill या centrifuge overspin होता है — Israel Defense Forces या US Fifth Fleet को alert जाता है।
Azerbaijan से लेकर Gulf तक : चारों तरफ जाल
Fordow को घेरने के लिए जमीनी logistics भी active हैं। इज़राइल ने Azerbaijan border पर discrete drone hub बना रखा है।
अमेरिका के पास Iraq, Bahrain और UAE में forward bases हैं — जहां से rapid strike या sabotage squad कुछ ही घंटे में Fordow की logistic lifeline को cut कर सकते हैं।
मतलब साफ है
Fordow की concrete shell उसे बम से तो बचा सकती है, लेकिन जासूसों से नहीं।
उसकी गहराई अमेरिकी Massive Ordnance Penetrator को delay कर सकती है, रोक नहीं सकती।
और Mossad का आदमी अंदर centrifuge poison करने में कितना वक्त लगाएगा — Tehran को खुद नहीं पता।
Fordow का सच : पाताल के भीतर भी डर
Fordow ईरान का गर्व है, लेकिन Tehran के लिए एक perpetual anxiety भी है।
एक तरफ अमेरिका-इज़राइल ने आज तक इसे फुल-scale bombing से बचा रखा, क्योंकि इसका political cost Strait of Hormuz बंद कर सकता है।
दूसरी तरफ, Fordow के दरवाज़े पर Mossad का जासूसी रडार हमेशा ON है — पहाड़ के बाहर भी और अंदर भी।
Fordow बंकर बम से ज्यादा Mossad के आदमी और AI की आंखों से डरता है — और यही इस पाताल का सच है।(साभार)
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