शुक्रवार, 11 जून 2021

देश की पूरी दुनिया में बेइज्जती कर दी मोदी ने...

 

क्या देश के प्रधानमंत्री को झूठ बोलना चाहिए? क्या ये झूठ बोलने का संस्कार उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से मिला है? क्या देश में वैक्सीन  को लेकर प्रधानमंत्री के बयान झूठ का पुलिंदा है।

सवाल बहुत से हैं, लेकिन जब देश का प्रधानमंत्री बात-बात पर झूठ बोले तो न केवल देश को शर्मिन्दा होना पड़ता है बल्कि पूरी दुनिया में्  देश की बेइज्जती भी होती है। ताजा मामला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वह बयान है जिससे पूरी दुनिया में भारत की न केवल थूथू होने लगी है बल्कि यहां के वैज्ञानिक भी अपमानित महसूस कर रहे हैं।

हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार झूठ नहीं बोले है और न ही उनकी हरकत से पहली बार ही देश शर्मसार हुआ है। इनसे पहले भी वे लगातार कई बार झूठ बोल चुके हैं, कोरोना की दूसरी लहर के नरसंहार को लेकर तो पूरी दुनिया में भारत की छवि को धक्का लगा है। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर जिस तरह से अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाता था, पोलियो, चिकनपाक्स, हेपेटाइटीस बी हो देशवासियों को दशकों लग जाते थे। प्रधानमंत्री ने जिस अहंकार के साथ यह बात कही उससे साफ है कि उन्हें इस देश के वैक्सीन के न तो इतिहास की जानकारी है और न ही यहां के वैज्ञानिकों की क्षमता का ही पता हैं।

प्रधानमंत्री के इस कथन से दूसरे देशों में भारत की जो छवि बनी वह किसी बेइज्जती से कम नहीं है, भारत को जिस तरह से असहाय बताया गया वह प्रधानमंत्री को न तो शोभा देता है और न ही इससे भारत की छवि ही बनती है। वैक्सीन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी बेशक अपना पीठ थपथपाते लेकिन सच तो यह है कि भारत में वैक्सीन 1948 से ही बनने लगा था, वैक्सीन के मामले में भारत दुनिया के कई देशों की वैक्सीन देता है और वैक्सीनेशन में तो भारत का नाम 1995 में ही गिनिज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज हो चुका है। 

तब प्रधानमंत्री का इस तरह से वैक्सीन को लेकर की गई दावे का झूठ अब सामने आ गया है। दुनिया के कई देश कहने लगे है कि ये कैसा प्रधानमंत्री है जो अपनी देश के इतिहास से नावाकिफ है, अपने ही देश के वैज्ञानिकों का अपमान कर रहे हैं। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री का यह वीडियो पूरी दुनिया में वायरल हो रहा है और भारत की क्षमता पर सवाल ही नहीं उठ रहे हैं बल्कि दुनियाभर में रह रहे भारतीयों को शर्मिन्दगी तक उठानी पड़ रही है। इसे लेकर कांग्रेस सहित कई दलों ने आपत्ति भी की है।

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