सत्ता के नरपिशाचों की हवस...
दिल्ली की निर्भया से लेकर उत्तराखंड की अंकिता भंडारी, कुछ भी तो नहीं बदला है। बल्कि कानून कड़े करने की नौटंकी और राजनैतिक नफा-नुक़सान वाला प्रदर्शन नया जुड़ गया है।
ऐसे में छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में बलात्कारियों के साथ सत्ता का गठजोड़ एक वीभत्स चेहरा के रूप सामने आकर छाती ठोंककर खड़ा होने लगा है। राजनैतिक दलों की बेशर्मी को उजागर करती घटनाएं क्या इस शांत प्रदेश को उद्देलित नहीं करती ।
ऐसा भी नहीं है कि रायगढ़ और कांकेर में हुए गैंगरेप पर जो मीडिया आज खामोश है, पहले भी ऐसा ही था । तब मीडिया ईट पर ईट बजा देता था और न तो राजनैतिक दलों की और न ही उनके नेताओं की हिम्मत पड़ती कि वह किसी यौन शोषण के किसी छिछोरे के साथ खड़ा हो सके ।
लेकिन राज्य बनने के बाद सत्ता ने जिस तरह से मीडिया को अपने ईशारे पर नचाना शुरु किया है उसके बाद ऐसे छिछोरों के साथ न केवल नेता बल्कि समूची पार्टी खड़ी हो जाती है।
रायगढ़ के भाजपा जिलाध्यक्ष अग्रवाल की करतूत पर तो उसे हटाने की बजाय समूची पार्टी का इस कदर संरक्षण में खड़ा रहा कि बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी गई।
कांकेर के बाहुचर्चित घटना के आरोपी को तो सांसद की रिकिट तक दे दी गई।
और औद्योगिक नगरी के विमला रेप कांड का कथित आरोपी सत्ता तक जा पहुंचा है तो फिर हिमशिखर गुप्ता से लेकर कितने ही नाम बरबस ही याद आ जाते हैं जो सत्ता और नेताओं के साये तले अपनी हवस के लिए नरपिशाच से कम नहीं है।
क्या एक बार फिर उन घटनाँओं को सामने लाया जाना चाहिए जिसने आदोलन की शक्ल लेकर समूचे छत्तीसगढ़ में हलचल मचा दी थी।
हमने तय किया है कि अब इतिहास के पन्नों को कुरेद कर उन नरपिशाचों की करतूत को लोगों तक लाने की जो शायद आम लोगों को यह से सोचने के लिए मजबूर कर दे कि राजनीति में हवस के नरपिशाचों के लिए कोई जगह नहीं है और राजनैतिक दल भी ऐसे लोगों से ही दूरी बना लें।
याद कीजिए 80 के दशक की नह श्वेता हत्याकांड जिसने समूचे छत्तीसगढ़ में अपने विरोध प्रदर्शन से हलचल मचा दी थी, और पुलिस की वह भूमिका जिसने आनन फानन में किसी को भी पकड़ लेने की पटकथा लिखी थी । इस घटना में शामिल डाक्टरी की पढ़ाई करने वालों को बचाने की भी चर्चा रही। क्या है यह श्वेता रेप हत्याकांड, पूरे मामले को एक बार किए आपकी आँखों के सामने लाने की कोशिश होगी। विमला रेप कांड हो या हो या कांकेर रायगढ़ हो या छत्तीसगढ़ के किसी भी हिस्से का रेप कांड सिलसिलेवार प्रस्तुत करने की कोशिश होगी।
किस किस पाटी के कौन कौन से नेता या फिर संभ्रात परिवारों के रईसज़ादे ? सब कुछ आपने सामने लाने की कोशिश... (शीघ्र ही)
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